सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के लिए समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन को लेकर कहा कि, मैंने एक दांव खेला है जो सब कुछ ठीक कर देगा. इसके साथ ही राजभर ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव वापसी करेंगे.सीएम के तौर पर योगी आदित्यनाथ को सत्ता से बेदखल कर रहे हैं.
बीजेपी सरकार में एक पूर्व मंत्री, राजभर का दावा है कि उनके पूर्व सहयोगी तीन लॉबी में विभाजित हैं, सभी अलग-अलग दिशाओं में खींच रहे हैं.
बीजेपी सरकार में अपराधियों पर चयनात्मक कार्रवाई होती है- ओपी राजभर
एक पोर्टल को दिए इंटरव्यू में माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी से मिलने के सवाल पर राजभर ने कहा, “इस समय इस देश में अपराधियों पर चयनात्मक कार्रवाई होती है जो उनकी जाति और धर्म से तय होती है. बीजेपी सरकार पिछड़ों और दलितों के साथ-साथ मुसलमानों और ब्राह्मणों को भी निशाना बना रही है. मैंने कई बड़े माफिया सदस्यों को देखा है जो जेल में हैं और यह सरकार उन्हें मिठाई खिला रही है. मैं मुख्तार अंसारी को लंबे समय से जानता हूं. मैं मुख्तार अंसारी से बांदा जेल में सात बार मिला था जब मैं योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री था. जब वह (अंसारी) रोपन (पंजाब) में थे तो मैं उनसे आठ बार मिला. बीजेपी को तब कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि उस समय मैं उसी पार्टी में था.”
भाजपा में बड़े अपराध को बड़ा इनाम दिया जाता है- ओपी राजभर
ओपी राजभर ने आगे कहा कि, बीजेपी के साथ कोई भी अपराधी नहीं है चाहे वह कुछ भी करे. संजय निषाद ने हाल ही में कहा था कि भगवान राम राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे. क्या बीजेपी में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत है? डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने एक बार सीता माता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताया था. क्या बीजेपी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की? भाजपा में बड़े अपराध को बड़ा इनाम दिया जाता है. भाजपा को यह नहीं पता कि जब मैं उनके साथ था, तब भी लगभग 12,000 मुसलमानों ने मुझे वोट दिया था. अगर उन्होंने मुझे वोट नहीं दिया होता तो मैं जीत नहीं पाता.
मऊ में सपा और एसबीएसपी के कार्यक्रम से बीजेपी बैकफुट पर चली गई थी
राजभर ने ये भी कहा कि मऊ में सपा और एसबीएसपी ने छोटा सा कार्यक्रम किया था जिसके बाद पूरे राज्य में बीजेपी बैकफुट पर चली गई थी. उस कार्यक्रम के बाद अमित शाह को यूपी आना पड़ा था. योगी जी ने आजमगढ़ जाकर कहा कि अमित शाह के अनुरोध पर राज्य विश्वविद्यालय का नाम राजा सुहेलदेव के नाम पर रखा जाएग ये 'जुमला पार्टी' के लोग हैं .
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया है. अमित शाह दो बार लखनऊ आए और योगी और मेरे साथ पंचायत (बैठक) की. रिपोर्ट तैयार हुई और ढाई साल बाद भी योगी ने अमित शाह के सुझाव को नहीं माना. योगी अब अमित शाह की क्यों सुनेंगे? राजा सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय का नाम बदलना एक और जुमला (नौटंकी) है, जैसा कि उन्होंने वोट के लिए 15 लाख रुपये का वादा किया था.
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