UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election) की तारीख नजदीक है. 10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) का मतदान (Voting) होना है. वहीं कोविड -19 महामारी (Covid-19 Pandemic) से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर, चुनाव आयोग (Election Comission) ने दिव्यांगों, 80 वर्ष से ऊपर के लोगों और कोविड रोगियों (Covid-19 Patients) को घर-घर मतदान सुविधा के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी है. हालांकि, चुनाव आयोग (Election Comission) के आंकड़ों से पता चलता है कि ज्यादातर बुजुर्ग (Old Age) और दिव्यांग (Differently-abled) मतदाता इस सेवा का लाभ उठाने के इच्छुक नहीं
सिर्फ 10 हजार 80 साल और दिव्यांग मतदातओं ने चुना घर से मत देने का विकल्प
बता दें कि यूपी में 80 साल से अधिक उम्र के या दिव्यांग 24.2 लाख मतदाताओं में से केवल 10,000 ने घर से वोट डालने का विकल्प चुना है. ये जानकारी 5 फरवरी तक के अपडेट किए गए डाटा से मिली है. वहीं मुरादाबाद जिले में 40,000 ऐसे मतदाता हैं, जिनमें से केवल 460 ने ही इस सुविधा को चुना है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में घर के मतदान के लिए चुने गए 10,000 लोगों में से 7,396 नागरिक 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जबकि 3,312 विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) श्रेणी (कम से कम 40 प्रतिशत विकलांगता के साथ) हैं.
यूपी में पहली बार पोस्टल बैलेट का विकल्प रखा गया है
बता दें कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर, कानून और न्याय मंत्रालय ने चुनाव नियम, 1961 में संशोधन किया था, जिससे वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों को 2019 में अनुपस्थित मतदाता सूची में शामिल करने की अनुमति दी गई थी. ऐसे मतदाता पोस्टल बैलेट का विकल्प चुन सकते हैं. यह एक ऐसा कदम है जो मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में मदद कर सकता है. विशेष रूप से, यूपी में यह पहली बार है जब 80 से ऊपर के लोगों और कोविड रोगियों के लिए पोस्टल बैलेट की कवायद हो रही है. इस बीच, जिन लोगों के लिए यह सुविधा है, उनमें से कई ने सुविधा से अनजान होने का दावा किया है.
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