UP Assembly Election 2022: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा शासन को 'आतंकवाद का हॉटस्पाट' (आतंकवाद का केंद्र) करार देते हुए दावा किया कि बीजेपी सरकार के पांच सालों में न कोई आतंकवादी घटना हुई, न कोई दंगा हुआ और माफिया भी कहीं नहीं दिखाई देता. बाराबंकी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया, "सपा और बसपा के शासन में, पूरे देश में उत्तर प्रदेश आतंकवाद के केंद्र (आतंकवाद का हॉटस्पाट) के रूप में जाना जाता था. देशभर में उत्तर प्रदेश दंगों का केंद्र माना जाता था और माफियाओं का कॉरिडोर माना जाता था.'' उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच साल में बीजेपी की सरकार के दौरान न तो कोई आतंकवादी घटना हुई, न कोई दंगा हुआ और न ही माफिया कहीं भी दिखाई देता है.


बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, 'सपा शासन में उत्तर प्रदेश में निजाम का शासन चलता था. अखिलेश यादव के निजाम का मतलब है, नसीमुद्दीन, इमरान मसूद, आजम खान, मुख्तार अंसारी. योगी सरकार में बाहुबली आज जेल में हैं. अगर गलती से भी सपा सरकार आई, तो बाहुबली बेल पर बाहर आ जाएंगे.' उन्होंने कहा, "बीजेपी आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं की नीति के साथ शासन करती है. हमारा संकल्प है कि आतंकवाद फैलाने वाला कोई भी हो, किसी भी मजहब या जाति का हो, आतंकवाद को इस देश और दुनिया से जड़ से उखाड़ कर फेंक देना चाहिए.'' शाह ने आरोप लगाया कि देश की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को सपा और कांग्रेस ने निर्बल करने का प्रण लिया है.


सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए शाह ने आरोप लगाया, ''अखिलेश जो चश्मा पहनते हैं, उसके एक लेंस से उन्हें सिर्फ जाति दिखाई पड़ती है और दूसरे लेंस से धर्म दिखाई पड़ता है. इसके अलावाा कुछ भी दिखाई नहीं देता. केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबका साथ-सबका विकास की नीति ही उत्तर प्रदेश का भला कर सकती है.'' उन्होंने आरोप लगाया, ''आतंकी गतिविधियों के आरोपी खालिद मुजाहिद और तारिक कासमी पर लगे केस सपा सरकार ने वापस लिए थे. योगी सरकार में तारिक कासमी को आजीवन कारावास की सजा हुई.'' केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया, ''खालिद मुजाहिद लू लगने के कारण मर गया, तो अखिलेश सरकार ने 42 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था.'' बाराबंकी में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा.


अमिल शाह ने प्रियंका गांधी पर कसा तंज
इससे पहले पीलीभीत में आतंकवाद के मुद्दे पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को कठघरे में खड़ा करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि इन दोनों दलों ने देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रण लिया है. शाह ने पीलीभीत में बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में आरोप लगाया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने हालिया साक्षात्कार में आतंकवाद के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा था कि ऐसी फिजूल बातों के लिए उनके पास वक्त नहीं है.


शाह ने आरोप लगाया, "माताओं-बहनों आप एक बात का फैसला कर लीजिए कि एक ओर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का कहना है कि आतंकवाद पर रोक लगाना फिजूल बात है, दूसरी ओर उनके नेता सलमान खुर्शीद कहते थे कि अहमदाबाद के बम धमाकों में पकड़े गए सिमी के लोग बेगुनाह हैं, उनको छोड़ देना चाहिए. उन्होंने उनकी पैरवी भी की." शाह ने समाजवादी पार्टी को भी घेरते हुए दावा किया कि अखिलेश जब सत्ता में आए तो उन्होंने संकट मोचन मंदिर पर बम धमाके और लखनऊ में बम धमाके के आरोपियों को छोड़ने का प्रयास किया था. वह तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दखल दे दिया तो रुक गया वरना सारे आतंकवादी छूट जाते.


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