UP Assembly Election 2022: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने हिजाब विवाद (Hijab Row) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे मुद्दों को विधानसभा चुनावों के दौरान उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा 'बेचैन' है, क्योंकि मतदाताओं पर उसकी पकड़ कमजोर हो रही है. खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं करना कांग्रेस के लिए चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि प्रियंका गांधी वाड्रा सामने से अगुवाई कर रही हैं.


कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा द्वारा नियोजित एक 'बहुत ही कुटिल रणनीति' हो सकती है, लेकिन यह उनके 'विचारों के पूर्ण दिवालियापन' को भी दर्शाती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पिछले सात सालों के उनके प्रदर्शन में पूर्ण विश्वास की कमी को भी दर्शाता है. उन्होंने कहा, ''मुझे यह लग रहा है कि लोग उनकी (भाजपा) चालों को अब समझने लगे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भाजपा का समर्थन किया है और मुझे उम्मीद है कि इसका वास्तविक नतीजे पर प्रभाव पड़ेगा.'' उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद चुनाव लड़ रही हैं.


हिजाब लंबे समय से चल रहा है- सलमान खुर्शीद
यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनावों से पहले हिजाब मुद्दे को ध्रुवीकरण की रणनीति के रूप में देखते हैं, उन्होंने पूछा कि अब ही इसे क्यों उठाया गया. खुर्शीद ने कहा, ''हिजाब कुछ ऐसा नहीं है जो कल शुरू हुआ, हिजाब लंबे समय से चल रहा है. यह एक ज्ञात तथ्य है कि हिजाब लंबे समय से है और लड़कियां उचित तरीके से हिजाब का उपयोग कर रही हैं. वे आज इसे क्यों उठा रहे हैं? यह बहुत स्पष्ट है कि वे इसका उपयोग बहुत ही कुटिल कारणों से कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि अदालतों ने इस मामले पर एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखा है. उन्होंने कहा, ''ज्यादातर समझदार लोग समझेंगे कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मुद्दा है और यह टोपी पहनने वाले व्यक्ति, पगड़ी पहनने वाले व्यक्ति से अलग नहीं है, या सिख पगड़ी पहनते हैं क्योंकि ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जो या तो धार्मिक प्रथा या धार्मिक विश्वासों से संबंधित हैं, और सभी संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों द्वारा संरक्षित हैं.''


खुर्शीद ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस बयान के लिये उनपर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में फिर से चुने जाने पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता कि यूसीसी क्या है. उन्होंने कहा, ''देश में बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित विभिन्न धर्म हैं, जिनके अलग-अलग कानून और नियम हैं, और किसी के लिए यह कहना कि हमारे पास एक यूसीसी होगा, उन्हें पहले यह स्पष्ट करना होगा कि उनका इससे क्या मतलब है.''


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