UP Assembly Election 2022: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने बुधवार को लखनऊ (Lucknow) में कहा कि हम भाजपा (BJP) के साथ हैं और आगे भी रहेंगे. लेकिन इसके बाद उन्होंने तेवर भी दिखाए और कहा कि निषाद पार्टी का 160 सीटों पर प्रभाव है. 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से बात की है. 2022 के चुनाव में सरकार उसी की बनेगी जो निषाद पार्टी के साथ चलेगा.
संजय निषाद ने सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा का दोहरा चरित्र है. उसे दूसरों पर सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि उनके शासनकाल में क्या-क्या हुआ? ये याद करना चाहिए. जब थानों पर दलितों के साथ अत्याचार हो रहा था तब दलित की बेटी बहन मायावती कहां थीं? उन्होंने कहा कि हम सरकार में आए तो संविदा की प्रथा समाप्त होगी.
कुर्ते का रंग बदलकर बहुत लोगों ने वोट लिया- संजय निषाद
डॉक्टर संजय निषाद ने दलितों की राजनीति करने वाली पार्टियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुर्ते का रंग बदल कर बहुत लोगों ने वोट लिया अब ऐसा नहीं चलेगा. हाल ही में हमारा राष्ट्रीय अधिवेशन खत्म हुआ है. जिसमें 10 राज्यों के लोगों से साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों के लोग शामिल हुए. अधिवेशन में तमाम प्रस्ताव पास हुए हैं. दरअसल, देश को आजादी 1947 में मिलीं. मगर जतियां 31 अगस्त 1952 में आजाद हुईं. इन जातियों पर अंग्रेजों ने काला कानून लगाया था. उन्होंने कहा, श्रृंगवेरपुर किला में निषाद राज की प्रतिमा लगाई जाएगी.
संजय निषाद की सरकार से 6 बड़ी मांग
- हर जिले में हर जाति के लिए कोचिंग सेंटर तैयार हो.
- निषाद राज और राम गले मिले थे तो दुनिया में शांति हुई, इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.
- गरीबों के लिए बैकलॉग की व्यवस्था की जाए.
- आर्थिक आधार पर बैकलॉग से पद भरे जाएं.
- भाजपा ने जैसे अपने मुकदमें वापस किए, वैसे हमारे भी कार्यकर्ताओं के मुकदमें वापस हो.
- हमें आरक्षण दिया जाए, हमारे ताल घाट हमें वापस किए जाएं.
बीजेपी के शीर्ष नेताओं से 3 बार मुलाकात, मंत्री बनाने की चर्चा
संजय निषाद की बीजेपी के शीर्ष नेताओं से तीन बार दिल्ली में मुलाकात हो चुकी है. आखिरी बार वे सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे. तब उन्होंने प्रदेश की 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था. वहीं, संजय निषाद को योगी सरकार के कैबिनेट में जगह मिलने की भी चर्चा तेज है.
ये भी पढ़ें: