UP Election 2022: संजय निषाद का बड़ा बयान- अगर ऐसा नहीं हुआ तो यूपी चुनाव में बीजेपी को होगा नुकसान
UP Elections: संजय निषाद कह रहे हैं कि निषाद समाज के आरक्षण के वादे को अगर बीजेपी ने पूरा नहीं किया तो इसका नुकसान चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है.
UP Assembly Election 2022: यूपी चुनाव के मद्देनजर भले ही बीजेपी (BJP) ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया हो लेकिन निषाद पार्टी के अध्यक्ष और एमएलसी संजय निषाद (Sanjay Nishad) समय समय पर कुछ ऐसा बयान दे देते हैं जिससे बीजेपी पशोपेश में पड़ जाती है. अब संजय निषाद कह रहे हैं कि अगर निषाद समाज के आरक्षण के वादे को अगर बीजेपी ने पूरा नहीं किया तो इसका नुकसान चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है. हालांकि सोमवार को प्रयागराज (Prayagraj) में संजय निषाद की यूपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से हुई मुलाकात के बाद फिलहाल मंगलवार को प्रदेश के सभी तहसीलों में ज्ञापन देने के कार्यक्रम को पार्टी ने टाल दिया है.
एमएलसी संजय निषाद अपने बयानों के जरिए कई बार बीजेपी की बेचैनी को बढ़ा देते हैं. अब एक बार फिर संजय निषाद कह रहे हैं कि गठबंधन के समय जो वादा किया था उसे अभी तक पूरा नहीं किया गया, और अगर वादा पूरा नहीं किया जाएगा तो चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ेगा. दरअसल, संजय निषाद अपने समाज को आरक्षण देने की लगातार मांग कर रहे हैं, और जब निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया तब उनके मुताबिक ये आश्वासन दिया गया था कि जल्दी आरक्षण लागू कर दिया जाएगा. अब वो कह रहे हैं कि उन्हें एमएलसी भी बना दिया और 2 महीने का वक्त भी लगभग बीतने को है पर अभी तक आरक्षण लागू करने का वादा पार्टी ने पूरा नहीं किया है.
संजय निषाद के बयान पर उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का जवाब
हालांकि संजय निषाद के इस बयान पर उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ तमाम मुद्दों को लेकर बातचीत करती है, अगर उनका भी कोई मुद्दा होगा तो उसे बातचीत के जरिए हल किया जाएगा. जबकि सरकार में कैबिनेट मंत्री जय प्रताप सिंह का साफ तौर पर कहना है कि पार्टी संगठन ने तय किया था कि उनके साथ गठबंधन करना है और उसके बाद उन्हें एमएलसी भी बनाया.
वो साफ तौर पर कह रहे हैं कि बीजेपी सरकार इस बात पर पहले से ही जोर देती आ रही है कि कुछ जातियों को आरक्षण दिया जाए. उनके मुताबिक राजनाथ सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब इस काम को और आगे बढ़ाया गया था और अगर केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है तो भी यह 100 फ़ीसदी नहीं मानना चाहिए कि ये पास हो जाएगा, क्योंकि आरक्षण के लिए संविधान की कुछ गाइडलाइन है. अति पिछड़ों को अनुसूचित में लाने के लिए उस गाइडलाइन को फॉलो करना होगा अगर उस गाइडलाइन के अंतर्गत आएंगे तभी वो हो पाएगा. जय प्रताप सिंह साफ तौर पर कहते हैं कि संजय निषाद को इस तरह बोलने की आवश्यकता नहीं है. बीजेपी खुद चाहती है कि पिछड़ी जातियों के लोग आगे बढ़ें और पार्टी हमेशा ही उनका सम्मान करती है.
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