UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन छठे चरण के लिए गोरखपुर (Gorakhpur) में नामांकन का सिलसिला जारी रहा. नामांकन दाखिल करने की शुक्रवार यानी आज अंतिम तारीख है. ऐसे में गुरुवार का दिन काफी गहमागहमी भरा रहा. भाजपा, सपा, बसपा के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल किया. कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रत्याशियों के समर्थक खूब नारेबाजी करते रहे. इस सभी उम्मीदवारों ने अपनी जीत का दावा किया. भावुक होते हुए सपा से उम्मीदवार सुभावती शुक्ला ने अपनी उपेक्षा के बारे में बताया.
उम्मीदवारों और समर्थकों की जुटी रही भारी भीड़
गोरखपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में नामांकन करने के लिए दोपहर 11 बजे से ही उम्मीदवारों के आने का सिलसिला जारी हो गया. कलेक्ट्रेट के बाहर उम्मीदवारों के समर्थक और कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जुटी रही. सभी अपने उम्मीदवारों के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगाते रहे. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से दूसरी बार भाजपा के प्रत्याशी बने विपिन सिंह ने गुरुवार को नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे. इस बीच उन्होंने कहा कि वे दावा करते हैं कि उनकी विधानसभा में विकास के जितने काम हुए हैं, जनता उसके बूते उन्हें फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचाएगी. उन्होंने कहा कि इस बार वे और अधिक मतों से जीत हासिल करेंगे.
सपा प्रत्याशी ने किया जीत का दावा
गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी सुभावती शुक्ला ने कहा कि वे इस बार का चुनाव जीत रही हैं. वे मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि उनके पति के निधन के बाद उनसे मिलने कोई नहीं आया. उनके पति का अपमान हुआ है. 20 माह बीतने के बाद सीएम तक मिलने नहीं आए. जनता उनके साथ है. भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि वे सीएम योगी आदित्यनाथ से कुछ नहीं कहना चाहती हैं.
वे गोरखपुर की जनता से भावुक अपील करते हुए कहती हैं कि वे उन्हें चुनाव जिताए. वे सारे विकास के कार्यों को पूरा करेंगी. सुभावती पासवान भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रहे स्व. उपेन्द्र दत्त शुक्ल की पत्नी हैं. उन्होंने भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चुनाव के ठीक पहले सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. जिसके बाद सपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारकर ब्राह्मण कार्ड खेला है.
बसपा प्रत्याशी ने जनता पर जताया भरोसा
यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले सपा ज्वाइन करने वाले बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी सपा के टिकट पर समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र की जनता उनके साथ है. वहां की जनता पूर्ण बहुमत से उन्हें चुनाव जिताने जा रही है. उनकी किसी से फाइट नहीं है. जनता उनके साथ है. भाजपा उम्मीदवार राजेश त्रिपाठी के ऊपर भाजपा के फिर विश्वास जताने और उनके सामने मैदान में उतारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हारे हुए प्यादे से चुनाव नहीं लड़ा जाता है.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता सपा के साथ है. सपा की सरकार बनने जा रही है. विकास सतत प्रक्रिया है. वे विकास करते रहेंगे. बाढ़ से बचाव के उपाय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस होगा. उन्होंने कहा कि इस बार यूपी में सपा 300 के पार जाएगी. विनय शंकर तिवारी ने गोरखपुर की कुल नौ विधानसभा सीट में एकमात्र चिल्लूपार पर भाजपा प्रत्याशी रहे राजेश त्रिपाठी को हराकर साल 2017 में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी.
गोरखपुर के चौरीचौरा से भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दल चुनाव मैदान में कूदे शहीद बंधु सिंह के पौत्र और भाजपा नेता स्व. विनय सिंह बिन्नू के छोटे भाई अजय सिंह टप्पू ने कहा कि वे शहीद बंधु सिंह के परिवार से हैं. स्व. विनय सिंह बिन्नू के छोटे भाई हैं. शहीद बंधु सिंह, बड़े भाई स्व. विनय सिंह बिन्नू और योगी आदित्यनाथ तीनों की एक साथ लगी फोटो पर आशीर्वाद लेकर आए हैं.
उनका मठ से और योगी आदित्यनाथ से कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में बाहरी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा गया. उसका नतीजा ये हुआ कि विकास अवरुद्ध हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी-योगी से बैर नहीं, बाहरी प्रत्याशी की खैर नहीं. वहां पर कोई कार्य नहीं हुआ है. शुगर मिल बंद हो चुकी है. शराब फैक्ट्री बीमार हो गई है. सैयद मोदी जैसे खिलाड़ी वहां से हैं. वो जगह खेल को लेकर भी उपेक्षित है.
महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को सामने रख रही है सपा
गोरखपुर के चौरीचौरा विधानसभा सीट पर सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे कैप्टन बृजेश चन्द्र लाल ने कहा कि वे जनता के बीच महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जा रहे हैं. इन दोनों मुद्दों पर कोई फोकस नहीं कर रहा है. इन्हीं दो मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे. वे चौरीचौरा के विधायक बनने जा रहे हैं. चौरीचौरा में स्वास्थ्य बड़ी समस्या है.
दवा और चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं. बाढ़ की समस्या है. ये बड़े मुद्दे हैं. निषाद पार्टी के सरवन निषाद उनके सामने हैं. ऐसे में उन्हें ये नहीं लग रहा है उनसे किसी की लड़ाई है. वे कहते हैं कि वे गरीब और मजबूर लोगों की मदद के लिए चुनाव लड़ने आए हैं. चिल्लूपार विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने सोनिया शुक्ला को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है. उन्होंने कहा कि चिल्लूपार की जनता वहां की बेटी को जीताकर विधानसभा भेजेगी. उन्होंने कहा कि चिल्लूपार में कांग्रेस की हवा चल रही है. उन्होंने कहा कि वे चुनाव जीतकर आएंगी. वहां पर उनकी लड़ाई सपा के विनय शंकर तिवारी और भाजपा के राजेश त्रिपाठी से है.
यशपाल रावत ने किया नामांकन
गोरखपुर के सहजनवां से पूर्व विधायक यशपाल रावत सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं. वे गुरुवार को नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे. उन्होंने इस दौरान कहा कि सहजनवां के मतदाता पूरा समर्थन दे रहे हैं. सपा की नीतियों को लेकर वे जनता के बीच में जा रहे हैं. बेरोजगारी और पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर वे लोगों के बीच हैं. सहजनवां का विकास उस समय नहीं हो पाया था, जब वे विधायक रहे हैं.
बसपा के टिकट पर सहजनवां से चुनाव लड़ रहे सुधीर सिंह ने कहा कि वे राजनीति करने के लिए आए हैं. सबसे अधिक परेशानी दलित, पिछड़े और शोषित लोगों की मदद के लिए आए हैं. वे जिस दिन विधायक होंगे, वे सरकारी ड्यूटी 12 घंटे की जगह 8 घंटे की ड्यूटी सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही बंधों की मरम्मत और बाढ़ से बचाव के उपाय करेंगे. सुधीर सिंह के ऊपर गैंगेस्टर और तड़ीपार की कार्रवाई हो चुकी है. उनके घर की कुर्की भी की जा चुकी है. ऐसे में माफिया का टैग लगा होने के बावजूद वे कैसे चुनाव जीतेंगे, ये बड़ी बात है.
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