भाजपा के उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज मुरादाबाद और रामपुर जनपदों की 11 विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारियों को लेकर मुरादाबाद के एक होटल में महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष सतपाल सिंह सैनी और उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों सहित 25 नेता शामिल हुए लगभग 2 घंटे चली इस बैठक में यूपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी नेताओं से पश्चिम उत्तर प्रदेश में चल रही चुनावी तैयारियों पर चर्चा की और उन्हें चुनावी रणनीति समझाएं. बैठक के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेश पर हमला बोलते हुए उसे सामंतवादी सोच की पार्टी बताया और लखीमपुर घटना से लेकर किसान आंदोलन तक पर खुलकर बात की.
देश में होना चाहिए कानून का राज
पत्रकारों से बात करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज हमने मुरादाबाद और रामपुर सहित तीन जिलों की 11 विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की है, इस बैठक में मोदी सरकार और योगी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लिया गया और खास तौर से पश्चिम उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की समस्याओं पर बात की गई. लखीमपुर घटना पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार कानून के हिसाब से काम कर रही है उन्होंने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के सवाल पर कहा कि कानून उनके रास्ते में जाएगा हम यूपी और देश में कानून का राज चाहते हैं इन दिनों देश के कुछ अन्य प्रांतों में भी कुछ घटनाएं हुई हैं राजस्थान और कुछ आंदोलन के नाम पर बर्बरता की घटनाएं भी सामने आई हैं देश में कानून का राज होना चाहिए.
कांग्रेस में नहीं है योग्य नेता
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सवाल पर कहा कि अभी तो उनकी मां ही तय नहीं कर पा रही है कि क्या करना है यह कोई पार्टी ही नहीं बची है यह उनकी घर का मामला है एक जागीर है सामंत शाही की एक प्रतीक है जो पार्टी इतने दिनों तक देश की सत्ता पर काबिज रही है क्या उस पार्टी में कोई और योग्य नेता नहीं है जो एक परिवार के बाहर जाकर उसे जिम्मेदारी दी जाए. हमारी पार्टी में तो अध्यक्ष वह बनता है जो कभी पूछ स्तर पर पोस्टर लगाता था चाहे वह अमित शाह जी हो या नरेंद्र मोदी जी हैं बहुत निचले स्तर पर काम करके वह आज देश के गृहमंत्री और प्रधानमंत्री बने हैं कांग्रेस की क्षमता को गौरव नहीं मानना चाहिए वह जो कर रहे हैं उन्हें करने दो वह सामंतवादी हैं.
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