UP Assembly Election 2022: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि राज्य में हिंदू-मुसलमान और जिन्ना पर बयानबाजी को राज्य विधानसभा चुनाव तक ही जीवित रखा जाएगा. उन्होंने अपने समर्थकों और किसानों को आगाह किया कि ऐसे विभाजनकारी बयानों से प्रभावित न हों, जो केवल राजनीतिक लाभ के लिए हैं. टिकैत ने अलीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'प्रचार' महज ढाई महीने का है. उन्होंने कहा कि लोगों को सरकारी मंच के नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों से सावधान रहना चाहिए. हालांकि मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कौन सी पार्टी अगली सरकार बनाएगी, लेकिन लोग निश्चित रूप से ऐसे लोगों को वोट नहीं देंगे.


टिकैत ने कहा कि किसान सरकार से निराश हैं क्योंकि उन्हें अपनी फसल को आधी कीमत पर बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी पसंद के महत्व के बारे में पूरी तरह से जागरूक हैं और उन्हें किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं है.


31 जनवरी को एक विशाल किसान विरोध निर्धारित है- राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि "सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समय दिल्ली में 13 महीने का प्रशिक्षण उनके लिए यह तय करने के लिए पर्याप्त था कि उन्हें क्या करना है. 31 जनवरी को एक विशाल किसान विरोध निर्धारित है क्योंकि न्यूनतम समर्थन पर समिति कीमत अभी केंद्र द्वारा तय नहीं की गई है. जिस देश में राजनीतिक नेता जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं, वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता है."


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