UP Election 2022: क्या ओम प्रकाश राजभर के साथ आने से अखिलेश यादव को पूर्वांचल में होगा फायदा? यहां पढ़ें समीकरण
UP Elections: 146 सीटों पर जहां ओबीसी वोट बैंक अच्छी संख्या में है वहां हर सीट पर मुस्लिम वोट बैंक 8 से 9 फ़ीसदी के आसपास है. 2017 के चुनाव में काशी-गोरखपुर क्षेत्र मिलाकर बीजेपी ने 90 सीटें जीती थी.
UP Assembly Election 2022: चुनाव से पहले सभी सियासी दल ओबीसी वोट बैंक पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं. बीजेपी ओबीसी मोर्चा जहां जातिवार सम्मेलन कर रहा है, तो वहीं ओमप्रकाश राजभर के समाजवादी पार्टी के साथ जाने के ऐलान से अब यह माना जा रहा है कि पूर्वांचल की तकरीबन 146 सीटों पर जहां राजभर वोट बैंक और पिछड़ा वोट बैंक काफी संख्या में है वहां समाजवादी पार्टी को फायदा हो सकता है.
दरअसल, ओमप्रकाश राजभर ने अपना जो भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया था उसमें ओबीसी के अंतर्गत आने वाली अलग-अलग जातियों के नेता शामिल हैं. प्रजापति, कुम्हार, सैनी, बिंद, कुशवाहा, बंजारा, पटेल इन सभी जातियों के नेता और उनकी पार्टी भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल हैं. जिनमें बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी जन अधिकार पार्टी, प्रेमचंद प्रजापति की भागीदारी पार्टी पी, बाबू रामपाल की राष्ट्र उदय पार्टी, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेंरावादी, राजकुमार सैनी की राष्ट्रीय जनहित पार्टी, रामकरण कश्यप की भारतीय वंचित समाज पार्टी, रामसागर बिंद की भारत माता पार्टी, सतीश बंजारा की राष्ट्रहित पार्टी, अनिल चौहान की राष्ट्रीय जनता क्रांति पार्टी, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा शामिल है.
मुस्लिम वोट बैंक 8 से 9 फ़ीसदी के आसपास है
इसके अलावा 146 सीटों पर जहां ओबीसी वोट बैंक अच्छी संख्या में है वहां हर सीट पर मुस्लिम वोट बैंक 8 से 9 फ़ीसदी के आसपास है. जिसका फायदा अब माना जा रहा है कि राजभर के जाने से उनके गठबंधन को मिल सकता है. हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में काशी और गोरखपुर क्षेत्र मिलाकर बीजेपी ने 90 विधानसभा सीटें जीती थी.
ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का 19वां स्थापना दिवस मऊ के हलधरपुर मैदान में मनाया जाएगा जहां पर राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा के अपने सभी सहयोगियों को भी आमंत्रित किया है और इनके लिए एक विशेष हेलीकाप्टर भी बुक किया है. इस महापंचायत को नाम दिया गया है वंचित दलित अल्पसंख्यक पिछड़ा महापंचायत. इसी महापंचायत के मंच पर अखिलेश यादव 27 अक्टूबर को पहुंचकर इस गठबंधन का ऐलान करेंगे. हालांकि अब बीजेपी अगला क्या कदम उठाएगी यह देखना भी काफी दिलचस्प होगा.
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