UP Election 2022: यूपी की सियासत में दौड़ा 'फ्री बिजली' का करंट, अखिलेश के वादे पर सीएम योगी ने उठाए सवाल
नये साल के पहले दिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी अगर सत्ता में आती है तो लोगों को 300 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त मिलेगी और सिंचाई बिल माफ किया जाएगा.
नई दिल्ली: यूपी चुनाव में अब चुनावी वादों और तोहफों पर वार पलटवार हो रहा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का एलान किया. इस प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी पलटवार किया. अखिलेश यादव ने अपने चुनावी अभियान में मुफ्त बिजली के वादे का स्विच ऑन किया तो असर बीजेपी के खेमे में भी हुआ. रामपुर में सभा कर रहे योगी ने पलटवार का करंट अखिलेश को दिया.
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘नव वर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामना! अब बाइस (2022) में ‘न्यू यूपी’ में नयी रोशनी से नया साल होगा 300 यूनिट घरेलू बिजली फ़्री व सिंचाई बिल माफ होगा। नव वर्ष सबको अमन-चैन, खुशहाली दे। सपा सरकार आएगी और 300 यूनिट फ्री घरेलू बिजली व सिंचाई की बिजली मुफ़्त दिलवाएगी। #बाइस_में_बाइसिकल’’
अखिलेश के इस वादे पर योगी आदित्यनाथ ने ससवाल उठाते हुए कहा, ''कुछ देर पहले मैं पढ़ रहा था. बबुआ आज कुछ बोल रहे थे. वो सरकार आने पर मुफ्त में बिजली देनी की बात कर रहे थे. अरे, जब आप बिजली ही नहीं देते थे, तो मुफ्त में बिजली कहां से दोगे?''
योगी पहले घंटों तक बत्ती गुल रहने और अपनी सरकार में 24 घंटे बिजली फुल रहने का दांव चल रहे हैं वहीं विपक्षी दल सस्ती और मुफ्त बिजली का मुद्दा उछाल कर योगी सरकार को जोर का झटका जोर से देने की तैयारी में हैं.
राज्य में आम आदमी पार्टी पहले ही सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान कर चुकी है. 16 सितंबर को आम आदमी पार्टी (आप) ने भी उत्तर प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर दिल्ली की तरह घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने और 38 लाख परिवारों पर बकाया बिजली का बिल माफ करने का ऐलान किया था. ऐसे में एसपी भी मुफ्त और सस्ती बिजली के मुद्दे पर उतर आई है.
यूपी में बिजली का सच जानिए
यूपी की बिजली कंपनियां एक लाख करोड़ के घाटे में हैं. सरकार पहले ही 11 हजार करोड़ की सब्सिडी दे रही है अब किसानों और आम उपभोक्ता को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा हो रहा है. इसके लिए सरकार को 24 हजार करोड़ का इंतजाम और करना होगा. यानी कुल मिलाकर 35 हजार करोड़ की सब्सिडी का इंतजाम करना होगा लेकिन जहां चुनाव जीतने की होड़ होती है वहीं तर्क नहीं देखे जाते. वादा करने वाला पिछले इतिहास भी नहीं देखते.
बीजेपी राज में बिजली के दाम 24 फीसदी बढ़े, जबकि एसपी राज में बिजली दर 50 फीसदी बढ़े यानी जो सरकार में आया उसने आम जनता की परवाह किए बिना बिजली के दाम बढ़ा दिए. उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी से होने वाला नुकसान बड़ा मुद्दा है लेकिन उसकी भरपाई बिजली के दाम बढ़ाकर आम उपभोक्ता से की जाती है. अब जब पार्टियों को जनता के दरबार में जाना है तो सस्ती बिजली याद आ रही है. सस्ती और मुफ्त बिजली जैसे-जैसे मुद्दा बनती जा रही है वैसे-वैसे बीजेपी को भी इसी इसी तरह के वादों पर उतरना पड़ सकता है.
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