UP Assembly Election 2022: गोरखपुर शहर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अयोध्या में संत समाज ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है. संतों ने कहा कि अभी तक कयास लगाया जा रहा था जबकि औपचारिक घोषणा का अधिकार केवल शीर्ष नेतृत्व को है. ऐसे में मुख्यमंत्री चाहे जहां से चुनाव लड़ें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही बनेंगे.
हालांकि कुछ संतों ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अयोध्या में किया गया विकास फिलहाल एक औपचारिकता है. संत करपात्री ने कहा कि कुछ लोग इस बात को लेकर चैलेंज कर रहे थे कि मुख्यमंत्री अपने सदर सीट से क्यों नहीं चुनाव लड़ रहे हैं जिसके बाद मुख्यमंत्री ने गोरखपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
संतों ने और क्या कहा
संत समाज ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कोर्ट के फैसले से हो रहा है यह खुशी का विषय है. साथ ही युवाओं की बेरोजगारी और वैकेंसी का हल भी योगी के लिए चिंताजनक था. यहां की जमीनी हकीकत कुछ और है. संतो ने कहा कि जनता की प्राथमिकता होती है कि अपने जनप्रतिनिधि से वे आसानी से मिल लें जबकि अगर योगी आदित्यनाथ यहां से चुनाव लड़ते तो इसके लिए अयोध्या की जनता को समस्या होती. अगर यहां से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनते तो उनसे मुलाकात बहुत मुश्किल हो जाती.
संत समाज चाह रहा था योगी अयोध्या से लड़ें
संतो ने कहा कि अयोध्या से चुनाव लड़ने की बात केवल कयास थी. आज स्पष्ट हुआ है मुख्यमंत्री अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. हिंदू जनमानस और संत समाज चाह रहा था कि मुख्यमंत्री अयोध्या से चुनाव लड़ें इसको लेकर उनके मन में खुशी भी थी. संतो ने माना कि अयोध्या अपनी गति आगे बढ़ती जाएगी. अयोध्या अपने गति विकास की रौ में है. अयोध्या की आध्यात्मिक ऊर्जा है. संतो ने कहा कि जिसके ऊपर हिंदुत्व का लेबल होगा जीत उसी की होगी.
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