UP Assembly Election 2022: यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी लगातार अपने कैडर को मज़बूत करने के लिए एक के बाद एक पदाधिकारियों को ब्लॉक लेवल से लेकर प्रदेश लेवल तक नियुक्त कर रही है. वहीं दूसरी ओर प्रियंका गांधी भी अब राज्य में अब लगातार सक्रिय हैं और पिछले एक सालों में जब भी यूपी में बड़ी घटनाएं हुई हैं उस पर कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सक्रिय भूमिका निभाई है.
कांग्रेस लगातार सिमट रही है- बीजेपी
प्रियंका गांधी यूपी में भले ही लगातार सक्रिय हो लेकर बीजेपी उन पर लगातार तंज कस रही है. यूपी के ओद्यौगिक मंत्री सतीश महाना ने कहा है कि 2004 से प्रियंका अमेठी और रायबरेली में प्रचार कर रही हैं. उसके बाद 2009 में कांग्रेस ने 21 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. फिर प्रियंका गांधी सक्रिय हुई और 2014 में मात्र दो लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की. 2017 का विधानसभा चुनाव हो या 2019 का लोकसभा का चुनाव कांग्रेस लगातार सिमट रही है. आज मात्र सात विधायक हैं जो इनोवा (कार) में आ सकते हैं. 2022 में कांग्रेस और भी सिमट जाएगी.
दो हंसों को यूपी देख चुकी है- नकवी
वहीं केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने आज प्रियंका गांधी के यूपी चुनाव में 40 प्रतिशत महिलाओं के टिकट व कांग्रेस पार्टी के स्लोगन 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' को लेकर कहा कि यूपी ने पहले दो हंसों को देख लिया है अब प्रियंका को भी समझ आ जाएगा. ग़ौरतलब है कि 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन कर लड़ा था तब ये स्लोगन था- 'यूपी के लड़के व यूपी को ये साथ पसंद है'.
प्रियंका के सामने बड़ी चुनौती है
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात सीटों पर विजय प्राप्त की थी. जिसके बाद कांग्रेस के दो विधायक बागी हो चुके हैं. वर्तमान में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती आगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की है. प्रियंका गांधी फ़रवरी 2019 में यूपी की प्रभारी बनी थी. उनके प्रभारी बनने के बाद कांग्रेस ना तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सकी ना यूपी विधानसभा उपचुनाव में. ऐसे में 2022 में प्रियंका की भी नेतृत्व के तौर पर परीक्षा होगी. जहां पर उनको कांग्रेस पार्टी को इकाई से दहाई अंक तक सीटों की ले जाने की बड़ी चुनौती होगी.
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