Uttar Pradesh: विधानसभा के चुनावों में सभी राजनीतिक दलों के जरिये अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए खाने पीने का इंतजाम किया जाता रहा है. यह इंतजाम हमेशा चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशानुसार ही होता है. जिसमें पार्टियां खाने पीने में पूड़ी, सब्जी, मिठाई और चाय, समोसे का इंतेजाम किया जाता था, इस पर होने वाले वाले पूरे खर्च को चुनावी खर्च में जोड़ा जाता है. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने इसमें बदलाव करने के लिए, चुनाव आयोग से अपील की थी. चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद, सभी राजनीतिक पार्टियां अब शुद्ध खाने की थाली की व्यवस्था कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए कर सकेंगे.
चुनाव आयोग ने तय कर दी खाने की थाली के रेट
सभी राजनीतिक पार्टियों के जरिये कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए की जाने वाली खाने की थाली की व्यवस्था के लिए, आयोग ने रेट चार्ज भी जारी कर दिया है. जिसके बाद अब 225 रुपये की इस थाल में 4 रोटी, एक दाल, एक पनीर सब्जी, सूखी सब्जी, रायता, चावल, सलाद और एक मिठाई का पीस शामिल किया गया है. हालांकि इस बदलाव की असल वजह कोरोना काल को माना जा रहा है.
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कोरोना के प्रभाव तले हो रहे इस चुनाव में, उम्मीदवारों के लिए चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए आने वाले कार्यकर्ताओं और समर्थकों के स्वास्थ्य को देखते हुए, यह फैसला लिया गया है. खाने पर होने वाले खर्च को, चुनावी खर्च का हिसाब किताब रखने वाली टीम ने उम्मीदवारों की खर्च की लिस्ट में शामिल किया है.
अभी तक उम्मीदवारों के जरिये चुनावी खर्च लिस्ट में खाने-पीने के लिए पूड़ी, सब्जी, चाय और समोसा ही शामिल रहता था. वहीं अब आयोग के इस फैसले से चुनावी उमीदवारों के साथ अपना पसीना बहा रहे, उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए राहत वाली खबर है.
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