UP Election 2022: बीजेपी पर बरसे अखिलेश, बोले- लखीमपुर खीरी आज़ाद भारत में जलियांवाला बाग कांड की तरह
Pilibhit: पीलीभीत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने लखीमपुर खेरी कांड को लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि यह जलियांवाला बाग हत्याकांच के जैसा था.
Akhilesh Yadav On Lakhimpur Kheri Kand: यूपी में चुनाव में कल तीसरे चरण की वोटिंग होनी है, जिसके लिए प्रचार तो रुक गया है, लेकिन अन्य चरणों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है. इस बीच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लखीमपुर खेरी (Lakhimpur Kheri) कांड को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. पीलीभीत में एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान आज उन्होंने कहा कि लखीमपुर खेरी का ये कांड आजाद भारत में जलियांवाला बाग कांड की तरह हुआ, जिसमें किसानों को कुचल दिया गया. बता दें कि हाल ही में घटना के मुख्य आरोपी रहे आशीष मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिली है.
बता दें कि जालियांवाला बाग हत्याकांड पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 के दिन हुआ था. यहां रोलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी जिसमें जनरल डायर नामक एक अंग्रेज अफसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियां चलवा दीं थीं, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गये थे.
पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई थी लखीमपुर की घटना
ज्ञात हो कि बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचल दिया गया था, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया था कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी. इसके बाद एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आशीष मिश्रा को हत्या का आरोपी बनाया गया. एसआईटी की ओर से कुल 16 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है.
जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. एडवोकेट शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने याचिका दायर ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए कहा है कि जमानत रद्द करना न्याय के नजरिए से बेहतर होगा. वकील ने कहा कि अगर आरोपी बेखौफ घूम रहा हो तो सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है. याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि आरोपी मिश्रा गवाहों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. बता दें कि आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 फरवरी को मंजूर करते हुए उन्हें जमानत देने का आदेश सुनाया था.