UP Election 2022: जमीनी लड़ाई के साथ-साथ BJP-SP में ट्विटर वॉर जारी, एक दूसरे जमकर ट्वीट बरसा रहे हैं अखिलेश और योगी
यूपी चुनावों की तारीख जितनी नजदीक आ चुकी है, बीजेपी और सपा दोनों एक-दूसरे पर उतना ही हमलावर हैं. सीएम योगी और अखिलेश यादव के बीच जबरदस्त वार-पलटवार जारी है.
UP Election: रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ ट्विटर पर भी अखिलेश यादव और बीजेपी में वार-पलटवार हो रहा है. ट्विटर पर अखिलेश को सीएम योगी को जवाब दे रहे हैं. दोनों नेताओं ने एक के बाद कई ट्वीट किए. चाहे बीजेपी हो या एसपी दोनों के खेमों के लिए पश्चिमी यूपी में जीत बहुत जरूरी है. इसिलिए चुनावी सभाओं और प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ ट्विटर पर भी वार-पलटवार चल रहा है.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
अखिलेश यादव ने जयंत के साथ वाली तस्वीर पोस्ट कर लिखा, ''ठोको नीति वालों के खिलाफ, लाल टोपी, लाल पोटली, दोनों ने मिल ताल ठोक ली.'' अखिलेश यादव ने ट्विटर पर सीएम योगी पर एक और पलटवार किया. अखिलेश ने लिखा, ''बाबा जी… पैदल भी हैं… बे-दल भी हैं.''
ठोको नीति वालों के ख़िलाफ़ :
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2022
लाल टोपी ~ लाल पोटली
दोनों ने मिल ताल ठोक ली pic.twitter.com/iCrckHBc9j
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की बारी थी और फिर उन्होंने ट्विटर पर भी एक बार फिर तमंचावादी वाला मुद्दा उठा दिया. जिस पर अखिलेश को कल जवाब देना पड़ा था. गणित विषय से ग्रेजुएशन कर चुके योगी आदित्यनाथ ने गणित के समीकरण वाले रुप में ही जुमला गढ़ने की कोशिश की.
सीएम योगी ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री ने लिखा, ''चोला 'समाजवादी' + सोच 'दंगावादी' + सपने परिवारवादी' = 'तमंचावादी'', लेकिन ट्विटर पर सीएम योगी ने कहा 10 मार्च को सब पता चल जाएगा.
चोला 'समाजवादी' + सोच 'दंगावादी' + सपने 'परिवारवादी' = 'तमंचावादी'
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 29, 2022
ट्विटर पर दंगे के दर्ज का जिक्र कर सीएम योगी ने अखिलेश को निशाने पर लिया. उन्होंने लिखा, ''मुजफ्फरनगर दंगे में हिंदुओं को बंदूकों से भूना गया था. 60 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 1500 से अधिक जेल में बंद किए गए थे. गांव के गांव खाली हो गए थे..सपा की यही 'पहचान' है.''
मुजफ्फरनगर दंगे में हिंदुओं को बंदूकों से भूना गया था।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 29, 2022
60 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 1,500 से अधिक जेल में बंद किए गए थे।
गांव के गांव खाली हो गए थे।
सपा की यही 'पहचान' है।
अखिलेश को घेरने की कोशिश कर रही बीजेपी
पश्चिमी यूपी में दोनों ही खेमों का पूरा जोर जाट वोटरों को साधने पर है, जिसमें किसानों की भी बड़ी तादाद है. किसान आंदोलन और जयंत के बूते इस बार अखिलेश को पश्चिमी यूपी से बड़ी उम्मीद जगी है. यही वजह है कि वो बार-बार किसानों के मुद्दे की बात कर रहे हैं. किसानों के सवाल पर बीजेपी को बहस की चुनौती भी दे रहे हैं. शायद बीजेपी मुद्दे को डायवर्ट करने में अपनी भलाई समझ रही है. जिस 2013 दंगों की वजह से बीजेपी को 2017 के चुनाव में बड़ा फायदा मिला था. उस दंगे का जिक्र और कब्रिस्तान का जिक्र कर बीजेपी द्वारा अखिलेश को घेरने के लिए किया जा रहा है.
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