UP Election 2022: मतदान के दौरान प्रयागराज के 'भूतिया गांव' में इतने जुड़वा लोगों को देखकर चकराये अधिकारी
UP Election: प्रयागराज के मोहम्मदपुर उमरी गावं में एक हजार की आबादी में 30 लोग जुड़वां हैं. चुनाव में मतदान के दौरान शारीरिक बनावट बहुत अधिक समानता के कारण अधिकारियों की त्योरियां चढ़ जाती है.
Village of Twins Mohammad Umri: प्रयागराज (Prayagraj) के मोहम्मदपुर उमरी (Mohammadpur Umri) गांव में रविवार को अमित और विपिन को वोट डालता (Cast Vote) देख, हो सकता है कुछ लोगों की त्योरियां चढ़ गई हों. इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि दोनों के बीच असाधारण समानता है. अमित और विपिन जुड़वां भाई (Twin Brother) हैं, दोनों भाई प्रयागराज के मोहम्मदपुर उमरी गावं के रहने वाले हैं.
प्रयागराज के गांव मोहम्मदपुर उमरी को "जुड़वां का गांव" कहा जाता है. चुनाव से एक दिन पहले पीटीआई ने गांव के 10 जुड़वां जोड़े से मुलाकात की, इस दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि 1000 की आबादी वाले इस गांव में जुड़वां के ऐसे 30 जोड़े हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि, पिछले कुछ सालों में कई विशेषज्ञ इस घटना को समझने के लिए गांव का दौरा करके रक्त और लार के नमूने ले चुके हैं. हालांकि, बाहरी लोग कभी-कभी इसे ‘भूतिया गांव’ भी कहते हैं.
जुड़वां भाइयों में से एक अमित का कहना है कि, "पिछले चुनाव में जब वह मतदान के लिए एक मतदान केंद्र पर गये थे, तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
अमित आगे कहते हैं कि, "सुरक्षाकर्मी उन्हें उनके भाई विपिन को समझ कर अपने साथ ले गये और कहा कि उन्होंने पहले ही मतदान कर दिया है. वह कहते हैं कि, सौभाग्य से उनके भाई और मां आसपास थे, जिन्होंने बीएसएफ कर्मियों को समझाया कि वे जुड़वां हैं.
एक अन्य निवासी ने स्वीकार किया कि, उसने कई मौकों पर दो बार मतदान किया और एक बार तो उसने मीडिया के जरिये चुनौती देने के बाद ऐसा किया. उसका कहना है कि, वह चुनावों के बाद लगाये जाने वाले "अमिट स्याही" को मिटाने की व्यवस्था कर लेता है. वहीं मोहम्मद हसन इस बार अपने भाई मोहम्मद रेहान की तरह भाग्यशाली नहीं थे, हसन वोट नहीं दे सके क्योंकि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं था.
रेहान का कहना है कि, बीते समय में कई वैज्ञानिकों ने गांव का दौरा किया और उनकी लार और रक्त के नमूने लिए. वैज्ञानिक यह समझने में लगे हैं कि, इतने सारे जुड़वां बच्चों ने यहां जन्म क्यों लिया. लेकिन अब तक यह एक रहस्य है. हालांकि स्थानीय निवासी इस दावे को खारिज करते हैं कि, उनका गांव "भूतिया" है.
अशर और इरमा की मां कहती हैं, "केवल एक चीज हम कह सकते हैं कि यह अल्लाह की मेहरबानी है."
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