UP News: बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सरकार की मंशा पर बट्टा लगा दिया है. भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा करने वाली योगी सरकार में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं से वसूली गई करीब 6.50 करोड़ रुपए की राशि में गबन कर दिया है. बताया जा रहा है कि ऐसा अभियंताओं की मिलीभगत से संभव हो पाया. बताया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों ने विभागीय राजस्व की 6.46 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि गायब कर दी.


सूत्रों की मानें तो गाजियाबाद के एक वितरण खंड में 5,64,17,070 रुपये और ग्रेटर नोएडा में 82,21,974 रुपये राजस्व के गबन का मामला सामने आया है. दरअसल, बिजली उपभोक्ताओं से वसूली जाने वाली राशि बैंक में जमा कराई जाती है लेकिन राशि बैंक में जमा कराने के बजाय बिजली कर्मचारियों ने उस पर हाथ साफ कर दिया. मामला सामने आने के बाद कैशियर और लेखाकार पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है.


इतनी बड़ी राशि का गबन बिना अभियंताओं की भूमिका के नहीं हो सकता


इस बीच चौंकाने वाली बात यह है कि गाजियाबाद में गबन की गई कुल 5.64 करोड़ रुपये की राशि विविध अग्रिम के रूप में डाल दी गई है. और जिसकी वसूली के आसार फिलहाल नजर नहीं आते है. वहीं हड़कंप मचने के बाद पावर कॉर्पोरेशन में सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी राशि का गबन बिना अभियंताओं की भूमिका के नहीं हो सकता. गबन का गंभीर प्रकरण सामने आने के बाद बड़े अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की तलवार चला कर खुद को बचाने में जुटे हुए हैं.


वहीं कई अन्य निगमों में भी इस तरह की आशंका जताई जा रही है. यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज की मांने तो गबन का मामला संज्ञान में आया है. इस बाबत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी से रिपोर्ट मांगी गई है. वही प्रबंधन कॉर्पोरेशन को राजस्व की क्षति पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई के मूड में दिख रहा है.


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