UP Electricity Prices: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को मात्र तीन रुपये प्रति यूनिट में मुहैया कराने के लिए 3.50 रुपये प्रति यूनिट अनुदान दिया है. सरकार ने किसानों के लिए भी पिटारा खोला है. किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 10,067 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. आपको बता दें कि प्रदेश के 3,65,86,814 बिजली उपभोक्ताओं में 3,21,57,293 सिर्फ घरेलू उपभोक्ता ही हैं. 


दरअसल, कोयले आदि की बढ़ती कीमत से राज्य में बिजली आपूर्ति की औसत लागत इस समय 7.86 रुपये प्रति यूनिट है. वाणिज्यिक व उद्योगों आदि की बिजली दर बढ़ाकर क्रास सब्सिडी के जरिए विद्युत नियामक आयोग गरीबों, किसानों और कम खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें अपेक्षाकृत कम ही रखता है लेकिन ऐसे में भी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली इस बार 6.85 रुपये प्रति यूनिट पड़ रही थी. सरकार ने 7,445 करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली तीन रुपये से साढ़े छह रुपये प्रति यूनिट तक बनाए रखी है. 


गौर करने की बात यह है कि कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से 1,69,99,611 शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लाइफ लाइन उपभोक्ता (एक किलोवाट भार और प्रति माह 100 यूनिट से कम खर्च वाले कनेक्शन) हैं. सरकार इन्हें मात्र तीन रुपये प्रति यूनिट में बिजली दिलाने के लिए 2,386 करोड़ रुपये (प्रति यूनिट 3.50 रुपये) पावर कारपोरेशन को दिए हैं. अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को भी कुछ हद तक राहत देने के लिए सरकार ने 35 पैसे से 1.35 रुपये प्रति यूनिट तक सब्सिडी दी है.


बिजली की दरों में किन उपभोक्ताओं को कितनी छूट? 
प्रतिमाह 150 यूनिट तक बिजली खर्च पर जहां 1.35 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी दी गई है. वहीं 151 से 300 यूनिट खर्च करने पर 85 पैसे और 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च पर 35 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी सरकार ने दी है. यही वजह है कि शहरी क्षेत्र के 99,44,736 घरेलू उपभोक्ताओं को 6.85 रुपये प्रति यूनिट के बजाय अधिकतम 6.50 रुपये की छूट दी है 


किसानों को ट्यूबवेल के बिजली खर्च का नहीं देना होगा बिल
जबकि गांव के 52,51,755 उपभोक्ताओं को 5.50 रुपये प्रति यूनिट ही बिजली का बिल देना होगा. सिंचाई के लिए निजी नलकूप की बिजली मुफ्त मुहैया कराने के लिए सरकार ने 10,067 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. इसमें से 705 रुपये प्रति एचपी प्रतिमाह के हिसाब से सरकार ने 2,245 करोड़ रुपये बिजली कंपनियों को दिए हैं. उल्लेखनीय है कि सरकार ने सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा कर रखी है. सरकारी खजाने से अनुदान दिए जाने से 15,72,373 किसानों को ट्यूबवेल के बिजली खर्च का बिल नहीं देना पड़ेगा.


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि, भले ही पांच वर्षों से प्रदेश में बिजली की दरों को नहीं बढ़ाया गया है लेकिन उपभोक्ताओं तक बिजली आपूर्ति का खर्चा साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है. ऐसे में यदि राज्य सरकार ने 17,511.88 करोड़ रुपये सब्सिडी न दी होती तो घरेलू उपभोक्ताओं को 6.85 रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल देना पड़ता.


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