UP Bijli Nijikaran: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और दक्षिणांचल को निजी हाथों में देने को लेकर विरोध लगातार जारी है. बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में विरोध सभाएं हुई वहीं आज शुक्रवार को पूरे प्रदेश में निजीकरण विरोध दिवस मनाया जाएगा. इसके अलावा 14 से 18 दिसंबर तक निजीकरण के विरोध में जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा जिसमें राज्य विद्युत परिषद संगठन के सदस्य और पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंप कर निजीकरण पर विरोध जताने की अपील करेंगे.
निजीकरण के विरोध में बृहस्पतिवार को जन जागरण कार्यक्रम चलाया गया जिसमें कर्मचारियों को निजीकरण के खतरे को लेकर आगाह किया गया. अलग-अलग जगह पर हुए विरोध प्रदेशों में कर्मचारी और कई जगहों पर उनके साथ उनके परिजन भी शामिल हुए. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण को लेकर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का आरोप लगाया.
समिति ने लगाए ये आरोप
समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्वाचल और दक्षिणांचल निगम की अरबों रुपए की बेश कीमती जमीन निजी घरानों को मात्र ₹1 में सौंपने की तैयारी है और इसका खुलासा होना चाहिए. उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने निजीकरण के विरोध में एक बैठक की और कहा कि दोनों निगमों को निजी हाथों में देना ठीक नहीं है. उन्होंने इसका विरोध किया.
साथ ही पदाधिकारियों ने कहा कि निजी घरानों को कमान देने से ज्यादा बेहतर होगा कि इसे एसोसिएशन को दे दिया जाए. एसोसिएशन दोनों निगमों को घाटे से उबारकर कॉरपोरेशन को सौंप देगा.