UP Electricity Latest News: उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन बिजली की व्यवस्था को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है. लगातार घाटे में चल रही प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों को फिर निजी हाथों में दिये जाने की तैयारी है. सोमवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है. इस बैठक में वित्तीय समीक्षा की गई जिसमें यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन और सभी बिजली वितरण कम्पनियों के प्रबंध निदेशक ने अपनी सहमति जताई है.
बैठक में तय हुआ कि ऐसे क्षेत्र जहां घाटा अधिक है वहां सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र को जोड़कर सुधार किया जाये. इसके जरिए 1.1 लाख करोड़ के घाटे वाली बिजली कम्पनियों को उबारने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए देश के दो बड़े उद्योगपति घरानों के साथ बातचीत भी हो गई है.
50-50 के फॉर्मूले पर काम करेंगी कंपनियां
नई व्यवस्था के तहत इसका चेयरमैन सरकार की ओर से होगा और प्रबंध निदेशक निजी क्षेत्र का व्यक्ति होगा. फिलहाल 50-50 के फ़ॉर्म्युले पर निजी कंपनियां काम करेंगी. नई व्यवस्था में इसका चेयरमैन आईएएस अधिकारी को बनाया जाएगा. इसके लिए ओड़िसा में संचालित निजी मॉडल का अध्ययन होगा, जिसके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय की जा सकती है.
हिन्दुस्तान में छपी खबर के मुताबिक निजीकरण की शुरुआत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा से की जाएगी. इन्हें निजी क्षेत्र में दिया जाना है. उच्च स्तर से इस बात का फैसला लिया जा चुका है. इन दोनों कंपनियों के प्रबंधन पर दबाव है कि जल्द से जल्द इन उद्योग घरानों को इसे सौंप दिया जाए.
सोमवार को लखनऊ मे हुई बैठक में विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय समीक्षा की गई. इस बैठक में पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन और बिजली वितरण कम्पनियों के प्रबंध निदेशकों ने हिस्सा लिया और इस फैसले पर अपनी सहमति भी जता दी है. इसके तहत सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र को जोड़कर सुधार किया जाएगा.
संभल हिंसा: FIR दर्ज होने पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?