UP Exit Polls 2017: कहते हैं कि दिल्ली की सियासत का रास्ता उत्तर प्रदेश से गुजरता है. राज्य में 80 लोकसभा सीटें हैं और 403 सदस्यों वाली विधानसभा. हर चुनाव में मतदान के आखिरी दिन शाम 6.30 बजे के बाद एग्जिट पोल्स जारी किए जाते हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. हालांकि कुछ एग्जिट पोल्स यूपी के मामले में गलत साबित हो गए थे. साल 2012 में बहुमत से सरकार बनाने वाली समाजवादी पार्टी इन एग्जिट पोल्स के नतीजों से खुश थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी में लोग निराशा थी. साल 2017 में सपा को सत्ता में वापसी की उम्मीद थी. इतना ही नहीं बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदंर्भ में कई दावे गलत साबित हुए थे. 


सभी एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि 2017 के चुनावों के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. हालांकि, एग्जिट पोल में बीजेपी को मिलने वाली सीटों की सटीक संख्या पर सभी की अलग-अलग राय थी.


यूपी का वो एग्जिट पोल जिसने पहले ही कर दिया था नतीजों का ऐलान, सपा-बसपा और कांग्रेस पर सच हुई थी ये बात


किसने दिए थे कितने नंबर?
सीएनएन-आईबीएन एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा 185 सीटों के साथ स्पष्ट बढ़त हासिल करेगी, लेकिन राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत से पीछे रह जाएगी. पोल में दावा किया गया था कि समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को 120 सीटें मिलेंगी, जबकि बहुजन समाज पार्टी को करीब 90 सीटें मिलेंगी.


हालांकि असल नतीजे एग्जिट पोल्स से बहुत अलग थे. साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने 300 से ज़्यादा सीटें जीतीं थी जबकि समाजवादी पार्टी और बसपा को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था. बसपा ने सिर्फ 19 सीटें जीतींं थीं. साल 1991 के बाद यह सबसे कम संखया थी. वहीं अपनी स्थापना के बाद पहली बार सपा ने सबसे कम 47 सीटें जीतीं थीं.