UP News: केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में तापमान थोड़ा अधिक होने की वजह से गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका है. उन्होंने भरोसा जताया कि जून को समाप्त होने वाले इस फसल वर्ष में 11.2 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होगा. सचिव ने कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा, जिससे सरकारी खरीद के लिए अनाज की उपलब्धता बढ़ेगी.


खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में करीब 3.5 करोड़ टन गेहूं की खरीद करेगी. रबी की प्रमुख फसल गेहूं की अधिकांश खरीद अप्रैल और जून के बीच होती है. चोपड़ा ने गुरुवार शाम को एक कार्यक्रम के इतर हुई बातचीत में कहा कि गेहूं की कीमतों में कमी आई है और नई फसल आने के बाद कीमतों में और गिरावट आएगी.


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इस मुद्दे पर हुई बैठक
संजीव चोपड़ा ने कहा कि ‘‘(बुधवार को), हमने राज्य के खाद्य सचिवों के साथ एक बैठक की. उसके बाद राज्य के खाद्य मंत्रियों के साथ एक बैठक हुई और हमने बैठक में जो पाया है वह यह है कि देश में खाद्य परिदृश्य संतोषजनक स्थिति में है.’’ उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने मौसम की स्थिति के संबंध में एक प्रस्तुति दी है.


सचिव ने कहा, ‘‘इसलिए, अगले दो हफ्तों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कोई गर्मी की लहर की आशंका नहीं है. यह अनाज के तैयार होने की एक महत्वपूर्ण अवधि है.’’ चोपड़ा ने कहा, ‘‘इसलिए आज तक किसी भी सूखे गेहूं या गेहूं की फसल के बारे में कोई प्रतिकूल परिस्थितियों की कोई रिपोर्ट नहीं है.’’ 


भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रहा। इसका कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू है. चोपड़ा ने कहा, ‘‘अभी तक कोई प्रतिकूल मौसम की स्थिति नहीं है. तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस अधिक है, लेकिन तथ्य यह है कि यह गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालने वाला है.’’