UP News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में किसान आलू की खेती काफी ज्यादा करते हैं. यहां पर किसान कीटनाशक दवाइयों के साथ-साथ आलू की फसल में शराब का भी छिड़काव करते हैं. किसान शराब का छिड़काव दवाइयां में मिलाकर करते हैं.
बुलंदशहर में शिकारपुर तहसील के गांव बोहिच में किसान आलू की फसल में कीटनाशक दवाइयों के साथ मिलाकर शराब का छिड़काव कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि शराब के छिड़काव से आलू की पैदावार अधिक होती है और सर्दी के मौसम में आलू में कोई रोग भी नहीं लगता. शराब के छिड़काव से आलू का आकार बढ़ता है और उसका रंग भी साफ रहता है.
बोहिच गांव में आलू की उत्पादन दर काफी अधिक है, जहां किसान अपनी फसल को अच्छी बनाने के लिए शराब का उपयोग करते हैं. उनका मानना है कि अधिक ठंड से आलू को बचाने और उसे मोटा व स्वस्थ बनाने के लिए शराब का छिड़काव किया जाता है.
किसान राम बाबू शर्मा ने आईएएनएस से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में बताया कि शराब के छिड़काव से आलू की फसल पर पाले का असर बहुत कम होता है और आलू मोटा होता है. हम चार-पांच साल से आलू की फसल में शराब का छिड़काव कर रहे हैं, इससे हमें फायदा होता है. छह बीघा (एक एकड़) फसल में करीब 200 एमएल शराब को दवाइयों के साथ मिलाकर छिड़काव किया जाता है. इससे कोई नुकसान नहीं होता है.
शराब के छिड़काव से आलू का आकार बढ़ता है
किसान कंचन कुमार शर्मा ने एक सवाल के जवाब में बताया कि शराब के छिड़काव से आलू फूल (आकार बढ़ा हो) जाता है. हम आलू को पाले से बचाने के लिए भी इसका छिड़काव करते हैं. एक एकड़ में 200 एमएल शराब का इस्तेमाल करते हैं. सात-आठ साल से हम आलू की खेती कर रहे हैं, तभी से हम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.