UP News: गाजीपुर जिला न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट में आज 21 साल बाद दो जानी दुश्मनों के आने की खबर से सनसनी थी, लेकिन दोनों कोर्ट नहीं पहुंचे. कोर्ट पहुंचा एक गवाह जिसका नाम तौकीर था, लेकिन जब तौकीर ने गवाही दी तब गाजीपुर की बादशाहत का दम भरने वाले मुख्तार की कमजोरी सामने आ गयी. अब 10 जनवरी को अगली डेट है और इस दिन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को सशरीर कोर्ट में गवाही देने आना है.
मुंह पर मास्क लगाकर कोर्ट ने निकलने वाला ये शख्स तौकीर है. 2001 में हुए उसरी चट्टी कांड में कुल 48 गवाहों में तौकीर भी शामिल हैं. तौकीर उस दिन मुख्तार अंसारी के साथ था लेकिन तौकीर की गवाही ने सवाल खड़े कर दिए. मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली की माने तो तौकीर ने गवाही में घटना को बताया, लेकिन बृजेश और त्रिभुवन को पहचानने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं तौकीर ने तीसरे मुख्य आरोपी अनिल सिंह की पहचान कोर्ट के सामने बताई.
कभी गाजीपुर और मुहम्मदाबाद के साथ पूर्वांचल की सड़कों पर बेखौफ घूमकर खौफ पैदा करने वाले मुख्तार अंसारी को गाजीपुर आने से डर लग रहा है. डॉन अपनी ही जमीन पर आने से डर रहा है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्तार अंसारी की ओर से खुद की जान का डर बताकर सुरक्षा मांगी गई है. लेकिन इस दौरान मुख्तार के साथी गवाहों के पलटने से डॉन अब कमजोर हो रहा है. कानून का डंडा पहले ही डॉन की कमर तोड़ रहा है. अब उसके आपसे लोग भी साथ छोड़ रहे हैं. सवाल ये है कि जो गाजीपुर की बादशाहत का दम भरता था. कभी लोग उसके नाम से जुड़ते थे. कभी घटना के बाद जिन्होंने 161 के बयान में सबको पहचाना था. अब क्यों पीछे हट रहा है. गाजीपुर की जनता में भी क्या अब डॉन का खौफ अब खत्म हो रहा है.
इस पूरे मामले में शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्तार अंसारी को 10 जनवरी को सशरीर प्रस्तुत होना है. बृजेश सिंह के अधिवक्ता की उपस्थिति थी, अनुपस्थिति माफीनामा बृजेश को दिया गया और मुख्तार को अगली तारीख पर गवाही देनी होगी. खौफ और रौब गांठने वाले डॉन के गुर्गे अब उसका साथ छोड़ रहे हैं. अब साथ रहने वालों के गवाही में पीछे हटने की वजह जो भी हो लेकिन गाजीपुर में ये कहना गलत नहीं होगा कि मुख्तार का खौफ अब कम हो रहा है.
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