Film City Global Tender: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanat) के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी (Film) में कंपनियां रुचि नहीं दिखा रही हैं. इस परियोजना के विकास के लिए यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने दूसरी बार भी ग्लोबल टेंडर (Global Tender) जारी किया था. लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी अंतिम तारीख निकलने के बाद भी किसी कंपनी ने अपनी रुचि फिल्म सिटी के डेवलपमेंट में नहीं दिखाई है. इसके चलते यमुना अथॉरिटी की चिंता बढ़ गई है.


अब यमुना अथॉरिटी ने अन्य विकल्पों पर भी विचार शुरू कर दिया है. यमुना प्राधिकरण सेक्टर 21 में 1000 एकड़ जमीन पर यूपी की फिल्म सिटी विकसित करने जा रहा है. पीपीपी मॉडल पर इस परियोजना को बनाया जाएगा. जिसके लिए कंपनी का चयन होगा. इसके लिए प्राधिकरण ने एक साल पहले ग्लोबल टेंडर निकाले थे, लेकिन उस दौरान कोई कंपनी फिल्म सिटी विकसित करने के लिए आगे नहीं आई थी. प्राधिकरण ने कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नियमों में फेरबदल किए.


टेंडर के लिए नियमों में किए गए थे ये बदलाव
फिल्म सिटी बनाने के लिए 2021 में पहला टेंडर जारी किया गया था लेकिन उस वक्त भी किसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई थी. इस टेंडर को रद्द कर 2022 में फ्रेश टेंडर जारी किया गया था उस दौरान नियमों में कई बदलाव किए गए थे जैसे कि लाइसेंस की अवधि 40 से बढ़ाकर 60 साल करना, ओटीटी और मीडिया कंपनियों का भी टेंडर स्वीकर करना इत्यादि, लेकिन इसके बावजूद में भी किसी कंपनी ने टेंडर नहीं डाले थे. टेंडर में आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च थी लेकिन अंतिम तिथि निकलने के बावजूद भी एक भी निविदा नहीं आई है.  बता दें कि हाल ही में फिल्म उद्योग से जुड़े निर्माता-निर्देशक केसी बोकाडिया और फिल्म स्टार रजनीकांत भी यहां जमीन लेने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. ऐसे हालात में अब यमुना अथॉरिटी इस बात पर भी विचार कर रही है कि वह फिल्म सिटी को एक ही बार में पीपीपी मॉडल में ना बनाकर अलग-अलग चार हिस्सों में बांटकर डेवलप करे.


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