Firozabad Name Change News: उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कई जिलों के नाम बदले गए हैं और ये सिलसिला आज भी बरकरार है. अब फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर रखने का प्रस्ताव जिला पंचायत की बैठक में पास हुआ है. प्रस्ताव पास होते ही ये मुद्दा फिरोजाबाद जिले में चर्चा का विषय बन गया है. कुछ लोगों का मानना है की नाम में बदलाव होना चाहिए तो कुछ का कहना है कि बदलाव नहीं होना चाहिए. 


क्यों लोग कर रहे हैं चंद्रनगर रखने की मांग 
दरअसल, फिरोजाबाद में एक जगह ऐसी है जहां राजा चंद्रसेन की रियासत थी और उस जगह को चंद्रनगर कहा जाता है. ये बात 1566 ई की है जब मुगल शासन से पहले फिरोजाबाद में राजा चंद्रसेन की रियासत थी. जहां राजा चंद्रसेन अपने महल में बैठकर प्रजा की समस्या सुनते थे और उनका समाधान करते थे. राजा चंद्रसेन के बारे में ये भी कहा जाता है कि वो बहुत ही तेज तर्रार योद्धा थे. राजा चंद्रसेन अपना दरबार चलाते थे और वहां चंद्रनगर बसा हुआ था. लेकिन, आज की हकीकत ये है कि राजा चंद्रसेन का दरबार खंडहर में तब्दील हो चुका है और चारों तरफ जंगल जैसा है. 


सम्राट अकबर का सेनापति था फिरोज शाह 
अगर इतिहास की बात की जाए तो उस समय अकबर एक बड़ा सम्राट था और उसके नवरत्न थे. जिसमें एक राजा टोडरमल थे जो अपने पित्रों का पिंडदान करने के लिए जा रहे थे. तभी आसफाबाद पर उनके साथ लुटेरों ने लूट की घटना की, जिसमें उनके काफी ऊंट लूट लिए गए. जब वो लुटकर सम्राट अकबर के यहां पहुंचे तो उन्होंने अपनी पीड़ा राजा अकबर को बताई. उन्होंने कहा कि आप इतने बड़े सम्राट हैं और आपके यहां इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. तब अकबर की सेना के सेनापति फिरोज शाह को यहां भेजा गया और उन्होंने यहां लुटेरों का खात्मा किया. इसके बाद फिरोज शाह यहीं रहने लगे और ये नगर फिरोज शाह के नाम से पड़ गया. उसके बाद उनका इंतकाल हो गया और उनका मकबरा फिरोज शाह के नाम से बना दिया गया जो आज भी मौजूद है. यहां लोग नमाज पढ़ने आते हैं और मजार के पास इबादत भी करते हैं. 


5 फरवरी 1989 को बना था फिरोजाबाद जिला 
पांच फरवरी 1989 को ये जिला बनाया गया और इसका नाम फिरोजाबाद जिले के नाम से ही रखा गया. लेकिन, अब उत्तर प्रदेश सरकार ने नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की है तो फिरोजाबाद से भी आवाज उठी है कि फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर होना चाहिए जिसका प्रस्ताव जिला पंचायत बैठक में फिरोजाबाद के ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी नारायण यादव ने सदन में रखा था और उसे पास कर दिया गया. अब इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार के पास भेज दिया गया है. 


जानें- लोगों की प्रतिक्रिया
जब हमने समाज के लोगों की प्रतिक्रिया ली तो कुछ लोगों का कहना था कि ये सिर्फ 2022 के चुनाव से पहले वोट की राजनीति है, इसका नाम नहीं बदलना चाहिए. लेकिन, कुछ लोगों का ये भी कहना था यहां राजा चंद्रसेन राज करते थे, ये चंदन नगर ही था इसका नाम चंद्रनगर ही होना चाहिए. कुछ लोग इसका नाम बदलने से सहमत नहीं हैं. उनका ये भी कहना है कि इसमें लाखों रुपए का खर्चा स्टेशनरी बदलने में ही हो जाएगा, लोगों को नोटबंदी की तरह फिर से लाइन में लगना पड़ेगा.



ये भी पढ़ें:  


लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए HC ने दिया जोधा-अकबर का उदाहरण, कहा- शादी के लिए धर्म परिवर्तन जरूरी नहीं


Auto Expo 2022 Postponed: कोरोना के चलते हुए स्थगित हुआ ऑटो एक्सपो, पढ़ें खबर