Firozabad News: फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद क्षेत्र स्थित नीम खेरिया गांव के ग्रामीणों के लिए रेलवे लाइन अब एक अभिशाप बन चुकी है. यहां के लोग रोजाना ट्रेनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं. स्थानीय रेलवे गेट को पहले बंद कर दिया गया था, जिससे हादसों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है. रेलवे विभाग की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण यह गांव लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा है.
मंगलवार सुबह, 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला किरन देवी की ट्रैन की चपेट में आने के कारण मौत हो गई. वे शौच के लिए जा रही थी और यह हादसा उनके परिवार के लिए एक भयानक सदमा बनकर आया. हालांकि, रेलवे विभाग के अधिकारियों के डर से स्थानीय लोग पोस्टमार्टम नहीं कराते और जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर देते हैं. गाँव में पहले भी दर्जनों ग्रामीण ट्रैन हादसों का शिकार हो चुके हैं, लेकिन रेलवे विभाग की लापरवाही पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. स्थानीय लोग अब सुरक्षित गेट की मांग कर रहे हैं ताकि और जानें बच सकें और इस गांव को रेलवे हादसों से निजात मिल सके.
ग्रामीण लोगों ने सुरक्षित गेट की मांग की है
नीम खेरिया के प्रधान प्रेमपाल यादव ने बताया कि, जब से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का संचालन शुरू हुआ है तब से दर्जनों ग्रामीण ट्रेन की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो चुके हैं. बीते वर्ष में अभी लगभग आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी हैं. कई बार रेलवे अधिकारियों को लिखकर सेफ गेट की मांग की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. ग्रामीण मुकदमे के डर से हादसे के शिकार लोगों की सूचना पुलिस को नहीं देते और ना ही रेलवे को देते हैं. शव को उठाकर अंतिम संस्कार कर देते हैं.
(फिरोजाबाद से रंजीत गुप्ता की रिपोर्ट)