UP Flood News: पूर्वी यूपी में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. गोरखपुर में नदियां उफान पर हैं. राप्‍ती और रोहिन जहां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.  45 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. इनमें से 8 गांव मैरुंड हो गए हैं. ग्रामीणों में बाढ़ का पानी गांव में चढ़ने से दहशत का माहौल है. लोगों ने बंधे पर शरण लेना शुरू कर दिया है. गांववालों की मदद के लिए जिला प्रशासन 85 नाव लगाने का दावा कर रहा है. बाढ़ से 30 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. वहीं 1,785.805 हेक्‍टेयर फसल भी डूब गई है.


गोरखपुर में राप्ती नदी तेजी के साथ बढ़ रही है. राप्‍ती खतरे के निशान 74.98 मीटर से 73 सेंटीमीटर ऊपर 75.71 मीटर पर बह रही है. वहीं रोहिन खतरे के निशान 82.444 से 2 सेंटीमीटर ऊपर 82.64 मीटर पर बह रही है. खतरे की बात ये है कि दोनों ही नदियां उफान पर हैं और नेपाल के पहाड़ों से अब पानी आया, तो पूर्वी यूपी की ये नदियां मैदानी इलाके में तबाही मचा सकती हैं. हालांकि, राहत की बात‍ ये है कि घाघरा (सरयू) नदी अयोध्‍या घाट पुल पर लगातार नीचे घट रही है.


अयोध्‍या पुल पर ये खतरे के निशान 92.73 से पार बह रही थी, लेकिन अब ये घटकर खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर नीचे 92.47 पर आ गई है. तेजी से बढ़ी गुर्रा नदी भी 12 जुलाई को खतरे का निशान पार कर गई थी, लेकिन गुंर्रा भी अब खतरा बिंदु 70.50 से 70.400 पर एक सेंटीमीटर नीचे आ गई है. कुआनो नदी खतरे के निशान से अभी लगभग एक मीटर नीचे है.


हालांकि 14 जुलाई की रात 10.30 बजे गरजते बादलों के साथ थोड़ी देर तक बारिश हुई है. लेकिन पिछले चार दिनों से बारिश नहीं होने से ग्रामीण राहत की सांस ले रहे हैं. गोरखपुर की सात तहसीलों में प्रभावित गांवों की संख्‍या की बात करें, तो कुल 45 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. सदर तहसील में सर्वाधिक 19 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इसके बाद गोला तहसील में 12 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. सहजनवां और कैम्पियरगंज में 6-6 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. तो वहीं खजनी और चौरीचौरा में एक-एक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. ग्रामीणों की मदद के लिए 85 मोटर बोट और नाव तैनात करने का प्रशासन दावा कर रहा है. इनमें सर्वाधिक 58 नाव सदर तहसील में लगाई गई है. बाढ़ की वजह से 1785.805 हेक्‍टेयर एरिया और फसल बाढ़ में डूब गया है.


इलाज के लिए नौ मेडिकल टीम गठित
एडीएम फाइनेंस और आपदा प्रभारी अधिकारी विनीत कुमार सिंह ने बताया कि लोगों के उपचार के लिए 9 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं. इसके साथ ही 224 लोगों का इलाज किया जा चुका है. 3235 क्‍लोरीन की गोली और 1184 ओआरएस के पैकेट बांटे जा चुके हैं. 100 आरक्षित एंटी वैनम स्‍नैक वेनम उपलब्‍ध है. पशुओं की चिकित्‍सा के लिए 3 टीमें गठित हैं. इनमें उपचारित पशु 331 हैं. वहीं 1515 प्रभावित हैं. 1210 का टीकाकरण किया जा चुका है. बाढ़ प्रभावित लोगों को 1065 राहत किट बांटे जा चुके हैं.


अति संवेदनशील गांवों में राहत चौपाल आयोजित हो रही है. इसमें 133 बाढ़ सुरक्षा समि‍ति के सदस्‍य भी प्रतिभाग कर रहे हैं. इसके अलावा महिलाओं और युवतियों में 410 डिग्निटी किट बांटे गए हैं. आपदा मित्र के साथ ही पीआरडी जवानों और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक यूनिट को भी तैनात किया गया है. इसके साथ ही जीआरडी (गोरखा रेजिमेंट) को भी तैनात किया गया है. 146 बिग्रेड, 11 जाट अयोध्‍या कैंट के साथ निरंतर संपर्क स्‍थापित है. पुलिस विभाग द्वारा चिह्नित 143 गोताखोर व 240 मझौली और बड़ी नाव उपलब्‍ध है.


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