UP Etawah Flood: उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) चम्बल में आई बाढ़ ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. चम्बल से लगे चकरनगर इलाके के 35 से ज़्यादा गांव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं. इटावा के दो ब्लॉक चकरनगर और बढ़पुरा के बाढ़ प्रभावित गांव में 2 लाख से ज्यादा की आबादी इससे प्रभावित हुई है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ की 25 सदस्य टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों की मदद के लिए पहुंची है. हालात का जायजा लेने के लिए इटावा डीएम, एनडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहें हैं. डीएम ने कहा गांव में फंसे लोगों को मेडिकल किट के साथ खाने पीने की सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं गांव में फंसे ग्रामीणों का कहना हैं की पिछले 24 घंटे से उनके पास कोई मदद नहीं पहुंची है.


राजस्थान से छूटा है 25 लाख क्यूसेक पानी


बता दें कि राजस्थान के कोटा बैराज और कालीसिंध बांध से बीते दिन 25 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते इटावा में चंबल से लगे चकरनगर व बढ़पुरा ब्लॉक के 45 से ज्यादा गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. वहीं सबसे ज्यादा प्रभाव चकरनगर ब्लॉक में देखने को मिला है, जहां 20 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट चुका है, जहां हजारों ग्रामीण पिछले 48 घंटे से गांव में फंसे हुए हैं जिनकी मदद के लिए गाजियाबाद से एनडीआरएफ की 25 सदस्य टीम आज सुबह इटावा पहुंची और बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचकर प्रशासन की मदद से रेस्क्यू शुरू किया.


इटावा में पहली बार चंबल का जलस्तर 129.90 मीटर पहुंच गया, जिसके चलते चंबल नदी से लगे गांव तो प्रभावित हैं ही, वहीं इटावा के पचनद में जहां चंबल नदी खत्म होती है वहां से चंबल का पानी यमुना नदी में जाना शुरू हो गया है. जिससे यमुना के पास लगे गांव में भी भयंकर बाढ़ आ गई है, गांव के रास्ते पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं जहां रास्तों और गांव में 20 फीट तक पानी भरा हुआ है जिसके चलते हैं किसानों की फसलें तो डूबी ही है, साथ ही घरों और मकानों में पानी भरा हुआ है.




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जिलाधिकारी ने कही ये बात


गांव में फंसे ग्रामीणों को रेस्क्यू के लिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. जिलाधिकारी अवनीश राय एसएसपी जयप्रकाश सिंह के साथ कई तहसीलों के तहसीलदार और एसडीएम गांव में फंसे लोगों को एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू कराने में जुटे हुए हैं. वहीं गांव में फंसे लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही खाने पीने की चीजें भी मुहैया कराई जा रही है हालंकि पानी में फंसे ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 24 घंटे से प्रशासन की तरफ से कोई भी मदद उन तक नहीं पहुंची है.




वहीं इस बारे में जिला अधिकारी अवधेश राय जब एनडीआरएफ की टीम के साथ पानी में फंसे गांव का सर्वे करके वापस आए, तब उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रशासन की टीम बोट व नाव के जरिए सभी 40 से ज्यादा गांव का जो पानी में फंसे हैं उनका सर्वे कर रही है, उन गांव में फंसे हुए लोगों में कितने लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है उसका आकलन किया जा रहा है और धीरे-धीरे सारी राहत सामग्री उन तक पहुंचाई जा रही है.


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