(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Flood: उफनाती नदियों को पार कर जिंदगी खतरे में डालने को मजबूर हैं लोग, जरा सी गलती पड़ सकती है भारी
बाढ़ की तबाही के बीच प्रयागराज के बघाड़ा इलाके से रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. बाढ़ वाले इलाकों में स्टूडेंस ने सुरक्षित बाहर निकलने का अनूठा तरीका निकाला है.
UP Flood: बाढ़ की जबरदस्त तबाही से जूझ रही संगम नगरी प्रयागराज में पिछले चौबीस घंटों से गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है. जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि पानी घटने की रफ्तार बेहद धीमी है. ऐसे में लोगों की मुसीबतें कम होने के बजाय तकरीबन जस की तस बरकरार हैं. प्रयागराज में अभी कई रिहायशी बस्तियों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. सड़कों और गलियों में अब भी नावें चल रही हैं. लोग जान जोखिम में डालकर एक से दूसरी जगह जाने को मजबूर हैं.
बाढ़ की तबाही के बीच प्रयागराज के बघाड़ा इलाके से रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां बाढ़ ग्रस्त इलाके से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए स्टूडेंटस ने अनूठा तरीका निकाला है. गली में कई फिट पानी भरा हुआ है, लिहाजा यहां रहने वाले स्टूडेंट्स गली में एक से दूसरी तरफ जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.
स्टूडेंटस ने गली के दोनों तरफ बने मकानों की छतों पर लोहे के पाइप रखकर एक से दूसरी तरफ जाने का रास्ता बना लिया है. लोहे के पाइप पर पैर रखकर छात्र एक से दूसरी तरफ आ जा रहे हैं. तस्वीरों में देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना खतरनाक है. जरा सी चूक होने पर पैर फिसल सकता है और इंसान बाढ़ के पानी में गिर सकता है.
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छत पर बने रहने को मजबूर
दरअसल, बघाड़ा इलाके में ज्यादातर घरों में प्रतियोगी छात्र किराए के कमरों में रहकर अपनी पढ़ाई करते हैं. बाहर से आने वाले इन छात्रों के कोई नजदीकी रिश्तेदार या परिचित शहर में नहीं होते हैं. ऐसे में यहां बाढ़ से घिरे होने के बावजूद अपने कमरों या उसकी छत पर बने रहने को मजबूर होते हैं. कई बार छात्रों को सुरक्षित जगहों पर जाना होता है या फिर जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलना होता है. ऐसे में यह छात्र घरों की छतों को डाकते हुए बाहर पहुंचते हैं.
बघाड़ा इलाके में घरों के बीच में गली पड़ने पर छात्रों ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया. गली के दो तरफ बने मकानो की छतों पर लोहे के पाइप बांध दिए. सपोर्ट में भी एक पाइप रख दिए. हालांकि यह बेहद रिस्की है. जरा सी गलती होने पर यह जिंदगी भी खतरे में पड़ सकती है. राहत की बात सिर्फ इतनी है कि संगम नगरी में नदियों का जलस्तर अब घटने लगा है. कहा जा सकता है कि बाढ़ की वजह से लोगों को खासी मुसीबतो का सामना करना पड़ रहा है.