Kaushambi News: यूपी (UP) के कौशांबी (Kaushambi) में यमुना में बाढ़ (Flood in Yamuna River) आने से लगभग 40 गांव प्रभावित हो गए हैं. यमुना इन दिनों खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. नदी का पानी ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा है, जिसके चलते लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ रहा है. ग्रामीण अपने रिश्तेदारों या फिर सुरक्षित स्थान पर ठिकाना बनाने लगे हैं. बाढ़ की वजह से कुछ गांवों का संपर्क भी टूट गया है. नतीजतन आवागमन भी ठप हो गया है. बाढ़ से निकलने के लिए ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. इसी बीच डीएम एवं एएसपी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ चौकी बनाकर ग्रामीणों को हर सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
भरतपुर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना में आई बाढ़
बता दें कि राजस्थान के भरतपुर बांध से 3 दिन पहले 25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते यमुना में भयंकर बाढ़ आ गई है. इस बाढ़ का असर कौशांबी में भी देखने को मिल रहा है. जिले के मंझनपुर एवं चायल तहसील के लगभग 40 से 42 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. शाहपुर, घोघ का पुरवा, कोसम इनाम, कोसम खिराज, गढ़वा, मल्हीपुर, नंदा का पुरवा गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है, जिसके चलते ग्रामीणों को अपने घरों में ताला लगा कर सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित कुछ लोगों को सरकारी भवनों में रखा जा रहा है तो कुछ लोग अपने रिश्तेदारों एवं परिवार के अन्य सदस्यों के घरों में ठिकाना बना रहे हैं.
ग्रामीण बोले- प्रशासन ने नहीं मिल रही कोई मदद
एक तरफ जहां बाढ़ पीड़ितों को खाने-पीने के अलावा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश जिला प्रशासन की तरफ से दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों का आरोप है कि जिले के अफसर बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का दौरा करने तो आते हैं लेकिन वह खानापूर्ति करने के बाद चले जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल रही है. ऐसे में वह खुद ही भोजन आदि की व्यवस्था कर रहे हैं.
बाढ़ प्रभावित चौकियां बनाकर की जा रही पीड़ितों की मदद
वहीं जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि भरतपुर से तीन से चार दिन पहले 25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे यमुना में बाढ़ आ गई है. जिले के लगभग 40 से 42 गांव बाढ़ की जद में हैं. डीएम ने कहा कि यमुना खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है. सुजीत कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांव में बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को खाने-पीने के अलावा चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.
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