UP Flood Update: नेपाल में बारिश की वजह से पहाड़ों पर बहने वाली नदियां उफान पर हैं. ऐसे में यूपी में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं. यूपी के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. ऐसे भी कई जिले हैं, जहां गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं. वहीं सैकड़ों गांव ऐसे भी हैं, जो बाढ़ से प्रभावित हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 650 गांव और 18 लाख के करीब आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं.
लोगों को गांव और घरों से पलायन कर बांधों पर शरण लेना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन बाढ़ से राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है. एसडीआरएफ की टीम को भी सक्रिय कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित गांव और ग्रामीणों को हर सुविधा मुहैया कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
बाढ़ से 650 गांव प्रभावित
यूपी में बाढ़ से 18 लाख की आबादी प्रभावित हो गई है. 650 गांव प्रभावित हैं. इनमें से आधे गांव या तो मैरुंड हो गए हैं, या फिर उनका संपर्क मार्ग कट गया है. यूपी में 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इसमें 33 तहसील के 633 गांव शामिल हैं, जिसकी करीब 17 लाख 97 हजार की आबादी प्रभावित है. इसमें 18 हजार से अधिक मवेशी भी प्रभावित हैं. इसमें 1 लाख 45 हजार से अधिक हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित है. इन इलाकों में 923 से अधिक बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं. वहीं एक हजार 33 से अधिक बाढ़ शरणालय बनाए किये गये हैं, जहां बाढ़ से प्रभावित लोग रह रहे हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया है. तो वहीं उन्होंने प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड पर रहने और बाढ़ से राहत और बचाव के लिए तत्काल सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय की तरफ से बाढ़ से प्रभावित जिलों में 113 बेतार केंद्र स्थापित किए गए हैं. पूरे मानसून के समय में यह केंद्र हर समय एक्टिव हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी ब्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में हैं. आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जा रही है. नौकाएं, राहत सामग्री आदि का प्रबंध किया गया है.
गोरखपुर के कई गांव बाढ़ से प्रभावित
पूर्वी यूपी के गोरखपुर-बस्ती मंडल में बाढ़ से हालात बेकाबू हो रहे हैं. नदियां जहां उफान पर हैं. तो वहीं नदियों के खतरे के निशान को पार करने की वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. यूपी के गोरखपुर में गोरखपुर सदर तहसील के 4 और कौड़ीराम और सहजनवां के एक-एक गांव यानी कुल 6 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इनका संपर्क मार्ग कट गया है. वहीं राप्ती खतरे के निशान 74.98 से 23 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बस्ती जिले में हरैया तहसील के 6 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं. यहां 250 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं इसमें 110 गांव मैरुंड हो गए हैं. वहीं एक लाख की आबादी यहां बाढ़ से प्रभावित हैं. डुमरियागंज में ही 70 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ चौकियों के साथ एसडीआरएफ के जवानों को भी पूरी तरह से मुस्तैद किया गया है.
देवरिया और कुशीनगर में घुसा बाढ़ का पानी
कुशीनगर जिले में 12 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं 75 हजार की आबादी प्रभावित है. देवरिया जिले के रुद्रपुर के एक गांव भदिला प्रथम में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महराजगंज जिले के 3 से 4 ग्राम सभा में नेपाल का पानी छोड़ने की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. हालांकि वहां पानी उतर गया है और अभी स्थिति सामान्य है. इसके अलावा शाहजहांपुर, श्रावस्ती, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, गोंडा, बलरामपुर और सीतापुर में बाढ़ से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
इन जिलों पर बाढ़ का कहर
शहाजहनापुर
श्रावस्ती
पीलीभीत
लखीमपुर
बहराइच
गोंडा
बलरामपुर
सीतापुर
श्रावस्ती
18 हजार से अधिक मवेशी भी प्रभावित
इस दौरान उत्तर प्रदेश के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इसमें 33 तहसील के 633 गांव शामिल हैं, जिसकी करीब 17 लाख 97 हजार की आबादी प्रभावित है. इसमें 18 हजार से अधिक मवेशी भी प्रभावित हैं. इसमें 1 लाख 45 हजार से अधिक हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित है. इन इलाकों में 923 से अधिक बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं. वहीं एक हजार 33 से अधिक बाढ़ शरणालय बनाए किये गये हैं, जहां बाढ़ से प्रभावित लोग रह रहे हैं
राहत कंट्रोल 24×7 एक्टिव
इसके लिए सीएम ने के आदेश पर प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड में है. उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय की तरफ से बाढ़ से प्रभावित जिलों में 113 बेतार केंद्र स्थापित किए गए हैं. पूरे मानसून के समय में यह केंद्र हर समय एक्टिव है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में है. आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जा रही है. नौकाएं, राहत सामग्री आदि का प्रबंध किया गया है.
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