UP News: यूपी सरकार में वन मंत्री अरुण कुमार गुरूवार को जनपद हापुड़ पहुंचे. यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चल रहे जंगली जानवरों के आतंक को लेकर बड़ा बयान दिया. मंत्री ने कहा कि भेड़ियों और तेंदुओं के हमलों को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद संवेदनशील है. उन्होंने जिले के डीएम और कमिश्नर सहित वन विभाग के अधिकारियों को साफ और स्पष्ट दिशा निर्देश दिये हैं कि हर हालत में वन्य जीव और मनुष्य के संघर्ष को रोकना है. वन्य जीवों को भी सुरक्षित रखना है और मनुष्य पर भी किसी तरह का हमला जानवरों की तरफ से नहीं होना चाहिए. 


जनपद हापुड के मेरठ रोड स्थित पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे वन मंत्री अरुण कुमार सिंह मीडिया से रूबरू हुए. यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जंगली जानवरों के आतंक से निपटने के लिए सरकार की तरफ से तैयार की गई रणनीति को साझा किया. वन मंत्री ने बताया कि बहराइच और लखीमपुर खीरी के अलावा उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जंगली जानवरों का आतंक है.


आतंक फैलाने वाले जानवरों को पकड़ने की कोशिश जारी 


वन मंत्री अरुण कुमार सिंह ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी लगातार वन्य जीवों को पकड़ने में पूरी तरह से जुटे हुए हैं. हाल ही में बिजनौर में करीब 20 से ज्यादा तेंदुए पकड़े भी गये हैं. मंत्री ने कहा कि ऐसे में लोगों को भी अपनी सुरक्षा करने का पूरा अधिकार है. जिन जिलों में तेंदुओं और भेड़ियों का आतंक है, उस जगह के लोग जब भी घर से बाहर निकलें, अपने हाथों में लाठी लेकर निकलें. इससे आपको भी सेल्फ कॉन्फिडेंस रहेगा कि हम भी खाली हाथ नहीं हैं और तेंदुआ भी देख लेगा कि आप खाली हाथ नहीं हैं.


वन मंत्री अरुण कुमार सिंह ने दी लोगों को खास नसीहत 


वन मंत्री अरुण कुमार सिंह ने कहा कि अगर कहीं भी कोई भी जंगली जानवर अटैक करता है, तो आपको अपना बचाव करने का पूरा हक है. लाठी होनी चाहिए और जिस पर लाठी होती है, उस पर तेंदुआ जल्दी अटैक नहीं करता. इसके अलावा वन विभाग को भी सूचित करें, जिससे वन विभाग के अधिकारी उस जानवर को पकड़ सकें. 


जानवरों के हमले से मौत से सरकार संवेदनशील 


मंत्री अरुण सिंह ने जंगली जानवरों की हत्या न करने की भी अपील की और कहा कि इस धरती पर सभी रह रहे हैं. सभी को एक्जिस्टेंस से रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि बहराइच में जितनी भी जंगली जानवरों के हमले से मौत हुई है, उसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद संवेदनशील हैं और उनको तुरंत मुख्यमंत्री आपदा कोष से पांच लाख रुपये की राहत राशि दी जा रही है. 


(हापुड़ से विपिन शर्मा की रिपोर्ट)


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