UP Politics News: स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा रामचरितमानस (Ramchartimanas) की चौपायी पर उठाई गई आपत्ति से विवाद खड़ा हो गया है. विरोधी पार्टियां हमलावर हैं वहीं स्वामी प्रसाद ने विवादों के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद भी स्वामी प्रसाद अपने बयान पर कामय दिखे, जबकि अखिलेश यादव ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीजेपी के लोग हमें शूद्र समझते हैं, जब समय बदलेगा तो उन्हें पता चलेगा. 


गोमती तट पर आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शरीक होने आए अखिलेश यादव ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, 'आज जब मैं किसी धार्मिक कार्यक्रम में जाता हूं तो बीजेपी के पेट में दर्द होता है. बीजेपी और आरएसएस एक हैं.बीजेपी के बिना आरएसएस नहीं और आरएसएस के बिना बीजेपी नहीं.  जिन लोगों ने मुझे यहां बुलाया उन्हें आरएसएस और बीजेपी से धमकी मिल रही है. आरएसएस और बीजेपी ने यहां गुंडे भेजे. अगर मैं किसी धार्मिक कार्य में जाता हूं तो क्या वे गुंडे भेजेंगे ?'


जानबूझकर हटाई गई मेरी एनएसजी - अखिलेश यादव


अखिलेश यहीं चुप नहीं हुए उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'बीजेपी के लोग हमे शूद्र समझते हैं. जब समय बदलेगा तो उन्हें भी पता चल जाएगा कि ऐसी व्यवस्था उनके लिए भी हो सकती है. किसी के साथ कोई भी व्यवहार हो सकता है. बीजेपी महंगाई और बेरोजगारी का मुकाबला नहीं कर पा रही है इसलिए ऐसा कर रही है. बीजेपी सरकार ने जानबूझ कर मेरी एनएसजी हटाई. आज मुझे समझ आ रहा है की मेरी एनएसजी क्यों हटाई गई थी.' अखिलेश यादव बीजेपी पर लगातार हमलावर हैं. राज्य की सरकार को अक्सर सुरक्षा, सड़क और शिक्षा जैसे मसलों पर घेरते आए हैं. वहीं, सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद द्वारा साधू-संतों पर की गई टिप्पणी के बाद जहां अपनी ही पार्टी के कुछ नेता हमलावर हो गए थे वैसे में अखिलेश ने चुप्पी साध रखी थी. हालांकि जब शनिवार को उनसे इस मसले पर पूछा गया तो वह धर्म के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते दिखे.


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