'जो फसाद की वजह बने, उनकी तस्वीरें कब लगेंगी?', संभल हिंसा पर अखिलेश यादव ने प्रशासन को घेरा
UP News: संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर अखिलेश यादव प्रशासन पर बड़ा हमला बोला है. सपा प्रमुख ने एक्स पोस्ट पर बड़ी मांग की है.
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद में रविवार (24 नवंबर 2024) को सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर सियासत जारी है. विपक्ष इस मामले को लेकर लगातार सरकार और प्रशासन पर हमलावर है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने संभल हिंसा को लेकर एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन, सुरक्षा कर्मी और कुछ लोग नारे लगाते लग रहे हैं. सपा प्रमुख ने एक्स पर पोस्टर साझा करते हुए लिखा कि, "जिन्होंने बवाल शुरू किया और जो पहले पहल फ़साद की वजह बने, उनकी तस्वीरें कब लगेंगी?"
संभल हिंसा मामले में पुलिस अब तक 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर एक-एक आरोपी की पहचान कर रही है. बुधवार को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 45 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए. पुलिस ने बहुत से उपद्रवियों का नाम और पता भी सार्वजनिक कर दिया है. पुलिस का कहना है कि हिंसा में हुए नुक़सान की भरपाई भी उपद्रवियों से ही की जाएगी. वीडियो के आधार पर अब तक 100 से अधिक आरोपियों को चिह्नित किया जा चुका है.
हिंसा में गई चार लोगों की जान
आपको बता दें कि, जिला अदालत के आदेश पर 24 नवंबर रविवार को एक टीम संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए पहुंची थी. तभी अचानक बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी और भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया. सर्वे के दौरान हुए विवाद हिंसक रूप ले लिया. कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया. स्थिति को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई.
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. पुलिस प्रशासन ने इलाके शांति व्यवस्था कायम होने का दावा किया है. वहीं 29 नवंबर को जुमे की नामाज को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है. गौरतलब है कि, संभल की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष ने पूर्व में हरिहर मंदिर होने का दावा किया है. हिंदू पक्ष की मांग पर कोर्ट ने सर्वे ने का आदेश दिया था. पहला सर्वे 19 नवंबर को हुआ था और दूसरा सर्वे 24 नवंबर को होना था.
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