Prayagraj News: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सिफारिश पर यूपी पुलिस के पूर्व आईजी कवींद्र प्रताप सिंह का कहना है कि यह बहुत ज्यादा व्यावहारिक नहीं है. जिस फील्ड की बात कही गई है, उसमें अगर महिलाएं काम करें तो अच्छा है, लेकिन ऐसा करने के लिए कानून बनाकर किसी को मजबूर किया जाना उचित नहीं है. उनके मुताबिक ऐसा करने से अपराधों में भी कोई खास कमी भी नहीं आएगी.
पूर्व आईपीएस अफसर कवींद्र प्रताप का कहना है कि इस तरह के कामों को बढ़ावा तो दिया जा सकता है, लेकिन कानून बनाकर पूरी तरह रोका नहीं जा सकता. उनके मुताबिक एक तरफ हम महिलाओं और पुरुषों में बराबरी की बात कहते हैं और दूसरी तरफ इस तरह के प्रस्ताव से महिलाओं के पिछड़े और दबे होने की मिसाल पेश करना चाहते हैं. उन्हें बेचारी साबित करना चाहते हैं. उनका कहना है कि आज की महिलाएं सशक्त और जागरूक है. हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम है. उन्हें और प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है.
महिला आयोग के फैसले पर क्या है लोगों की राय
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में महिला आयोग द्वारा महिलाओं से जुड़े कामों और उनकी सुरक्षा में महिलाओं की ही ड्यूटी होने के प्रस्ताव पर संगम नगरी प्रयागराज की महिलाओं ने मिली जुली प्रतिक्रिया जताई है. किसी का मानना है कि यह फैसला पूरी तरह सही है तो किसी की दलील है कि एक तरफ जहां महिलाएं हर फील्ड में पुरुषों के बराबर काम कर रही हैं तो ऐसे में इस तरह की बातों को रखकर उन्हें कमजोर दिखाने की कोशिश कतई सही नहीं है.
इसे इतर प्रयागराज की कुछ महिलाओं का कहना है कि यह सामान्य बात है और हर किसी की अपनी पसंद है कि वह सिर्फ महिलाओं के ही संपर्क में रहना चाहते हैं या नहीं. दूसरी तरफ लेडीज टेलर मोहम्मद इरफान का कहना है कि महिलाएं उन्हें परफेक्ट मानती हैं. उनके यहां की जो लेडी स्टाफ है, उनसे नाप नहीं कराना चाहती.
अगर आने वाले दिनों में कोई कानून बनता है तो वह उसका पालन करेंगे और महिला स्टाफ को भी रखेंगे. हालांकि उनका मानना है कि कोई भी पेशेवर व्यक्ति अपने कारोबार से खिलवाड़ कर कभी किसी महिला के साथ कुछ गलत करने के बारे में नहीं सोच सकता.
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