Leads report 2021: यूपी की लंबी छलांग, राज्य 13वें से छठे नंबर पर पहुंचा, गुजरात टॉप पर बरकरार, जानें बाकी राज्यों का हाल
लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में यूपी लंबी छलांग लगाते हुए 6ठे स्थान पर पहुंच गया है. इससे पहले इस सूचकांक यूपी 13वें नंबर पर था. गुजरात पहले और हरियाणा दूसरे नंबर पर है.
Leads report 2021: सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय ने लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट जारी किया. इस सूचकांक में एक बार फिर से गुजरात पहले नंबर पर बरकरार है. वहीं यूपी ने लंबी छलांग लगाते हुए 6ठे स्थान पर पहुंच गया है. इससे पहले इस सूचकांक यूपी 13वें नंबर पर था. लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में गुजरात के बाद हरियाणा दूसरे, पंजाब तीसरे, तमिलनाडु चौथे और महाराष्ट्र पांचवे नंबर पर है.
इस बार शीर्ष 10 की सूची में उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना 10 वें स्थान पर है. वहीं पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम क्रमश: 15वें, 16वें, 17वें, 18वें, 19वें, 20वें और 21वें स्थान पर हैं. दूसरी तरफ, पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है. वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है.
लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी. समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है. सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया था. पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1405 लोगों से 3771 प्रतिक्रियाएं मिलीं.
इस मौके पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं, उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है. अनुमान के मुताबिक, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 13-14 प्रतिशत है. गोयल ने कहा कि कारोबार क्षेत्रों के साथ-साथ नागरिकों के लिए सुगमता और सशक्तीकरण के लिहाज से लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता महत्व रखती है.
आपको बता दें कि लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है. सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है. गौरतलब कि पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट 2018 में जारी की गई थी. पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गई थी.
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