लखनऊ, एबीपी गंगा। बागपत जेल में गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या ने जरायम की दुनिया में दोस्ती और दुश्मनी की नई इबारत लिख दी। जेल में मुन्ना की हत्या पर परिवार ने एसटीएफ और सरकार पर सवाल खड़े किए तो मुख्तार अंसारी को जेल में मौत का डर सताने लगा। यूपी की जो जेलें में कभी मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों के लिए घर हुआ करती थी, उन्हें जेलों में मुख्तार को मौत की आहट सुनाई देने लगी। यही वजह है कि मुख्तार अंसारी जो कभी यूपी छोड़कर नहीं गया आज वो पंजाब की मोहाली जेल में बंद है। पंजाब के बिल्डर को फोन पर धमकी और रंगदारी के आरोप में मुख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस 6 महीनों से रिमांड का खेल कर रखे हैं। आखिर क्या है पंजाब का मुख्तार से कनेक्शन... क्यों मुख्तार अंसारी को ज्यादा पंजाब जेल में रहना लग रहा ज्यादा सुरक्षित।


महफूज लगती है पंजाब की जेल


उत्तर प्रदेश के जिस मुख्तार अंसारी के नाम का सिक्का यूपी की जेलों में चलता है उसी मुख्तार अंसारी को अब यूपी से ज्यादा पंजाब की जेल ज्यादा महफूज लगती है। 24 जनवरी 2019 को पंजाब पुलिस के वारंट बी पर मुख्तार अंसारी बांदा जेल से पंजाब पेशी पर गया तो वो 6 महीने बाद भी यूपी वापस नहीं आया। ये अलग बात है कि मोहाली के बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी के जिस मामले में पंजाब पुलिस पूछताछ के लिए साथ ले गई है ऐसे मामलों में आरोपी के वॉइस सैंपल टेस्ट के बाद ही पूछताछ की जा सकती है।



रणनीति का हिस्सा है पंजाब में रहना


दरअसल चर्चा है कि मुख्तार अंसारी का यूं यूपी छोड़कर पंजाब जेल में रहना उसकी ही अपनी रणनीति का हिस्सा है। जुलाई 2018 में झांसी जेल से पेशी पर गए मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी को जेल में खतरा महसूस होने लगा। जनवरी 2018 में बांदा जेल असुरक्षित लगने लगी तो उसने जेल बदलने की गुहार लगाई। लेकिन बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से मुख्तार को मौत की आहट ही सुनाई देने लगी। सरकार और सरकारी तंत्र जब मुख्तार पर मेहरबान नही हुई तो इसी बीच पंजाब पुलिस बिल्डर को धमकाने के पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को रिमांड पर लेकर पंजाब चली गई। मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब सबसे सुरक्षित राज्य नजर आता है। पंजाब में एक तरफ अपराधियों का बड़ा धड़ा मुख्तार के साथ हैं तो वहीं एक बड़े राजनीतिक घराने का भी मुख्तार अंसारी से पुराना रिश्ता रहा है।



पंजाब की जेल में चैन की नींद सो रहा है मुख्तार अंसारी


नवंबर 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में मुन्ना बजरंगी के साथ जिस गैंगस्टर का नाम फायरिंग में आया वह था संजीव महेश्वरी जीवा का। संजीव जीवा माहेश्वरी मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि सतवीर गैंग के राजबीर रमाला का शूटर रहा है। सतबीर और राजबीर रमाला पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली और पंजाब में हत्या और अपहरण के दर्जनों मामले दर्ज हैं। कृष्णानंद राय की हत्या में संजीव जीवा माहेश्वरी, राजबीर रमाला से मुख्तार अंसारी की नजदीकी के चलते ही गाजीपुर पहुंचा था। पंजाब का डिंपी सरदार हो या फिर सतवीर गैंग का राजबीर रमाला यह सब मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी रहे हैं। यही वजह है कि आज मुख्तार अंसारी यूपी छोड़ कर पंजाब की जेल में चैन की नींद सो रहा है।