Global Investors Summit: 'UP के 150 रेलवे स्टेशन को विश्व स्तर का बनाया जा रहा', ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बोले अश्विनी वैष्णव
UP Global Investors Summit 2023: यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि रेल और सड़क के बिना हम जनता की आंक्षाओं की पूर्ति नहीं कर पाएंगे. उत्तर प्रदेश में चार लाख किलोमीटर का सड़क नेटवर्क है.
UP Global Investors Summit: रेल और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2023 में कहा कि ‘अमृत भारत स्टेशन’ के तहत उत्तर प्रदेश के 150 रेलवे स्टेशन को विश्व स्तर का बनाया जा रहा है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की जीआईएस-23 की दुनिया भर में चर्चा होने का दावा करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि में उत्तर प्रदेश का महत्त्वपूर्ण योगदान है, इसी वजह से जी-20 के महत्वपूर्ण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहे हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2014 से पहले जब रेल बजट आता था तो उत्तर प्रदेश के हिस्से में 1000-1100 करोड़ रुपये आवंटित होते थे, लेकिन इस बार के बजट में मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के हिस्से में 16 गुना बढ़ोतरी की है.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) के तीसरे दिन उत्तर प्रदेश में रेल ढांचा और नेटवर्क विकास को लेकर रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 17,507 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया.
'59 रेलवे ब्रिज पर काम पूरा हुआ'
इस बीच, उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, “रेल और सड़क के बिना हम जनता की आंक्षाओं की पूर्ति नहीं कर पाएंगे. उत्तर प्रदेश में चार लाख किलोमीटर का सड़क नेटवर्क है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व प्रदेश में एक्सप्रेस-वे और सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है.”उन्होंने कहा कि 560 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है और प्रदेश में 59 रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) पर काम पूरा हो चुका है.
लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने अनुसार 250 आरओबी को चिन्हित कर लिया गया है, जिन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. रेलवे बोर्ड के सदस्य (अवसरंचना) रूप नारायण शंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 8,000 किमी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है और फरवरी के अंत तक उत्तर प्रदेश के पूरे रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हो जाएगा.
रेलवे के प्रबंध निदेशक रवींद्र जैन ने कहा कि देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं जिनमें एक पश्चिम कॉरिडोर है तो दूसरा पूर्वी कॉरिडोर. उन्होंने कहा कि पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक हजार 58 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है और उसके पूरा होने से उत्तर प्रदेश के रेल के नेटवर्क में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा.
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