India Smart City Contest: देशवासियों की जीवन शैली बेहतर और सुगम बनाने, जनता को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के मकसद से बनाये गए स्मार्ट सिटी मिशन में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन को योगी सरकार ने परवान चढ़ाया और सर्वश्रेष्ठ परिणाम दिए. केंद्र की योजना में यूपी के 10 शहर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चुने गए थे लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 और शहरों को इसमें शामिल कर दिया है. यानि अब कुल 17 शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकास कार्य कराए जा रहे हैं.


स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन शहरों का चयन


स्मार्ट सिटी मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में अलग-अलग राउंड में 10 शहर चुने गए थे. पहले राउंड में लखनऊ था. दूसरे राउंड में कानपुर, आगरा और वाराणसी का नाम आया. तीसरे राउंड में प्रयागराज, अलीगढ़ और झांसी तथा चौथे राउंड में बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद का चयन हुआ. इन 10 शहरों के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात शहरों को अपनी तरफ से स्मार्ट सिटी की श्रेणी में शामिल किया. जो शहर भारत सरकार की गाइडलाइन में शामिल नहीं हो पाए थे उन शहरों का राज्य सरकार के माध्यम से विकास करने का निर्णय लिया गया. इसमें अयोध्या, गोरखपुर, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ और शाहजहांपुर शामिल किए गए.


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स्मार्ट सिटी मिशन में यूपी अव्वल


उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन पर पूरे देश में सबसे बेहतर परिणाम दिए हैं. देश के राज्यों में यूपी की रैंकिंग सबसे ऊपर है. इंडिया स्मार्ट सिटी कांटेस्ट में यूपी को पहला स्थान मिला है. लखनऊ और गाजियाबाद शहरों ने पहली बार म्यूनिसिपल बांड जारी किए थे, जिससे पूरे देश में उत्तर प्रदेश नंबर वन बना.


इन्हें किया गया पुरस्कृत 


स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 'इंडिया स्मार्ट सिटी कांटेस्ट' के स्टेट अवार्ड कैटेगरी में यूपी को देश में पहला स्थान मिला था. यूपी के आगरा, वाराणसी और सहारनपुर शहर को 'स्मार्ट सिटी कांटेस्ट' की अलग-अलग कैटेगरी में पुरस्कृत किया गया था.


जून 2015 को लॉन्च हुआ था स्मार्ट सिटी मिशन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन लॉन्च किया था. पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी बनने थे. इस मिशन के तहत 5929 प्रोजेक्ट्स में 178 492 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे. 2022 तक स्मार्ट सिटी मिशन के रिजल्ट सामने आने की बात कही गई थी. मौजूदा समय में स्मार्ट सिटी की जरूरत के मद्देनजर इनकी संख्या बढ़ाकर 4000 तक की जानी है.


स्मार्ट सिटी मिशन का स्वरूप 2022 तक आना था सामने


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की थी तब 2022 तक इसका स्वरूप सामने आने की बात कही गई थी. उत्तर प्रदेश के 10 शहरों में स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है और वहां पर परिवर्तन देखने को भी मिल रहे हैं. लखनऊ राजधानी होने के नाते पहले से ही बेहतर है लेकिन स्मार्ट सिटी मिशन ने इसे और निखार दिया है. यहां पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत यातायात का संचालन होता है. शहर की सड़कें साफ-सुथरी हैं और कॉलोनियां योजनाबद्ध तरीके से बसी हुई है. हालांकि काफी काम होना अभी बाकी है. आगरा, वाराणसी और प्रयागराज का भी स्वरूप बदल रहा है. गाजियाबाद, गोरखपुर, मेरठ, अयोध्या समेत स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए अन्य शहरों की भी बदलती तस्वीर देखने को मिल रही है.


स्मार्ट सिटी के लिए क्या है मापदंड


24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा, गड्ढामुक्त सड़कें और फुटपाथ की व्यवस्था, हाइटेक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, साफ-सुथरा पर्यावरण और हरियाली, बेहतर सूचना कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण, गरीबों के लिए किफायती आवास, योजनाबद्ध विकास, पूरे शहर में वाईफाई सिग्नल, शहर में एक स्मार्ट पुलिस थाना, नागरिकों की सुरक्षा की व्यवस्थाएं, स्वच्छता और कूड़ा निस्तारण के इंतजाम, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं हैं.


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