UP School Dropout Students Will Return To School Soon: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के स्कूलों के वे छात्र जिन्होंने किसी न किसी वजह से पढ़ाई बीच में छोड़ दी उन्हें (UP School Dropout Students) स्कूल वापस लाया जाएगा. प्रशासन ने इस बाबत जोरों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के निर्देश पर टीचर भी नियुक्त किए गए हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों (Uttar Pradesh Primary & Junior Schools) में बहुत से छात्र स्कूल से निकल गए. किसी ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी तो कोई छुट्टी से वापस नहीं आया.
ड्रॉपआउट छात्रों की होगी वापसी -
यूपी के स्कूलों से ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स को ढूंढ़कर वापस लाने के लिए प्रशासन द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. इस काम के लिए बकायदा शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. इन शिक्षकों का काम होगा कि पहले वे पता लगाएं कि किन छात्रों ने स्कूल छोड़ा है और उनकी सूची बनाएं. टीचर्स इस सूची का मिलान स्कूल में रजिस्टर्ड छात्रों के डॉक्यूमेंट्स के साथ भी करेंगे.
कौन हैं ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स –
ऐसे छात्र जिन्होंने किसी न किसी वजह से 40 दिन या इससे ज्यादा समय से स्कूल अटेंड नहीं किया है, वे ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स की श्रेणी में आते हैं. सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 31 अगस्त तक ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स की सूची जमा करें.
क्या होगी शिक्षकों कि जिम्मेदारी –
यूपी के स्कूलों से ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स को वापस लाने के लिए ये शिक्षक बच्चों के घर जाएंगे और उनके माता-पिता को उन्हें स्कूल भेजने के लिए कनविंस करेंगे. वे उन्हें स्कूल और पढ़ाई का महत्व बताएंगे और कोशिश करेंगे कि स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में कमी आए.
तीन साल पहले बनी थी स्कीम -
स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को शारदा स्कीम के तहत वापस लाने की योजना योगी गवर्नमेंट ने तीन साल पहले निकाली थी लेकिन कोविड के कारण दो साल तक इसका पालन ही नहीं हो सका. अब फिर से यहां से 1619 काउंसिल स्कूलों में ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स की वापसी के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें:
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI