Irfan Solanki News: कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. महिला के घर आगजनी के मामले में इरफान सोलंकी को ट्रायल कोर्ट से मिली सात साल की सजा को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दी है. यूपी सरकार की अपील में इरफान सोलंकी की सजा को सात साल से बढ़ाकर उम्र कैद में तब्दील किए जाने की गुहार लगाई गई है. यूपी सरकार की इस अपील की वजह से इरफान सोलंकी की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. 


यूपी सरकार की यह अपील दाखिल होने से इरफान सोलंकी की मुश्किलें और बढ़ गई है. एक तरफ जहां उनकी सजा बढ़ सकती है, वहीं दूसरी तरफ सात साल की सजा पर रोक की अपील टलने से इरफान सोलंकी की सीसामऊ सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव रुकने की उम्मीदें धूमिल हो गई है. सात साल की सजा मिलने से इरफान सोलंकी की विधानसभा की सदस्यता निरस्त हो चुकी है और निर्वाचन आयोग से वहां उपचुनाव कराए जाने की सिफारिश की जा चुकी है. 


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इरफान सोलंकी की सात साल की सजा को उम्र कैद में तब्दील किए जाने की मांग को लेकर दाखिल यूपी सरकार की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 24 सितंबर को सुनवाई होगी. सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डिवीजन बेंच में होगी. यूपी सरकार की अपील के चलते इरफान सोलंकी व अन्य की याचिका पर सुनवाई अब डिवीजन बेंच में ही होगी. हाईकोर्ट अब सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा. इरफान सोलंकी इन दिनों यूपी की महाराजगंज जेल में बंद है.


फिर नहीं होगा उपचुनाव...
गौरतलब है कि इरफान सोलंकी को अगर हाईकोर्ट से राहत मिल जाती है और उनकी सजा पर रोक लग जाती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता फिर से बहाल हो जाएगी. विधानसभा की सदस्यता बहाल होने की सूरत में इस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा और इरफान सोलंकी विधायक बने रहेंगे. इरफान सोलंकी के साथ ही इस मामले में सजा पाने वाले उनके भाई रिजवान सोलंकी ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है. भाई रिजवान सोलंकी की याचिका में भी वही मांगे दोहराई गई हैं. 


समाजवादी पार्टी के निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान पर कानपुर की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा नाम की महिला के घर आगजनी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. कानपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने इसी साल 7 जून को इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी.