लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राइमरी स्कूलों के टीचरों को बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 54000 शिक्षकों के अंतर्जनपदीय ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. तकरीबन एक लाख से ज्यादा प्राइमरी के टीचरों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था जिनमें से 54000 शिक्षकों के तबादले को मंजूरी मिल गई है.
54 हजार शिक्षकों के तबादले
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस इन दिनों युवाओं पर हैं. साथ ही वह मिशन रोजगार में भी लगे हुए हैं. यही वजह है कि लगातार नौकरियों को लेकर मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं. आज मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के 54000 से ज्यादा शिक्षकों के इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के आदेश दे दिए. लंबे समय से शिक्षक अपने तबादलों का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि यह प्रक्रिया मार्च-अप्रैल में ही होनी थी. लेकिन कोरोना के चलते उस पर लॉकडाउन लग गया था. यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी का भी कहना है कि दरअसल यह ट्रांसफर तो पहले ही होने थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते अब की प्रक्रिया पूरी हुई है और खुद मुख्यमंत्री ने आज इसकी घोषणा की है. उनका कहना है कि ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है, जिसमें कहीं भी गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है.
अलग अलग मार्किंग की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में हर साल अंतर्जनपदीय ट्रांसफर एक बड़ा मुद्दा रहता है और शिक्षक अपने ट्रांसफर को लेकर काफी परेशान भी होते हैं. इस बार भी अंतर्जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया बीते साल शुरू की गई थी, जिसमें महिला और पुरुष शिक्षकों को अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से मार्क दिए गए थे. इसके अलावा दिव्यांग सेना में तैनात सैनिकों के पत्नियों के अलग मार्किंग की व्यवस्था की गई थी. सरकार के पोर्टल पर एक लाख से ज्यादा शिक्षकों ने अपने तबादले के लिए अप्लाई किया था जिनमें से 54120 तबादलों को आज मंजूरी मिली है.
दिव्यांग और असाध्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को प्राथमिकता
इनमें 28,306 महिला और 25,814 पुरुष शिक्षक लाभान्वित हुए हैं और 917 शिक्षक/शिक्षिकाएं सशस्त्र बलों के जवानों के परिवारों से जुड़े हैं, जिन्हें यह सुविधा प्राथमिकता के आधार पर बिना शर्त प्रदान की गई. वहीं, दिव्यांगजन श्रेणी के 2,285 और गम्भीर व असाध्य बीमारी से ग्रसित 2,186 लोगों को स्थानान्तरण का लाभ मिला है.
वहीं, बेसिक शिक्षा मंत्री का कहना है कि पहली बार यह भी कोशिश की गई है की म्यूच्यूअल ट्रांसफर के लिए आए सारे आवेदनों को स्वीकार करते हुए सभी को उनके उनके पसंद के जिलों में तैनाती दी जाए.
पारदर्शी प्रक्रिया
प्राइमरी के टीचरों का तबादला हमेशा से विभाग और सरकार के लिए एक टेढ़ी खीर साबित हुआ है. क्या सांसद, क्या विधायक और क्या मंत्री हर किसी की सिफारिश चिट्ठी इन तबादलों के लिए विभाग में पहुंच जाती है. इन्हीं सारी चीजों को देखते हुए सरकार ने इस बार यह पूरी ट्रांसफर प्रक्रिया एनआईसी के सॉफ्टवेयर के जरिए की, जिससे कहीं कोई गड़बड़ी की गुंजाइश ना रहने पाए.
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