अटल पुरस्कार पर यूपी में छिड़ी सियासत, समाजवादी पार्टी और बीजेपी में तू-तू मैं मैं
यूपी की योगी सरकार ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पुरस्कार देने का एलान किया है. लेकिन अब इस पर सियासत छिड़ गई है. समाजवादी पार्टी ने इस पर निशाना साधा है.
लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार साहित्यकारों, कलाकारों और समाजसेवियों को राज्य पुरस्कार का तोहफा देने की तैयारी कर रही है. राज्य संस्कृति पुरस्कारों में सबसे बड़ा पुरस्कार अटल जी के नाम पर होगा, जिसमें पुरस्कार की धनराशि 5 लाख होगी. इसके अलावा 24 अलग-अलग कैटेगरी में 2- 2 लाख के पुरस्कार दिए जाएंगे. इन पुरस्कारों के शुरू होने से पहले ही इस पर सियासत शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी यश भारती पुरस्कार बन्द करने को लेकर सरकार से सवाल कर रही है, तो वहीं बीजेपी का कहना है पिछली सरकार में किसी की योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि वो सत्ता का कितना करीबी है ये देखकर यश भारती पुरस्कार बांटे गए.
सबसे बड़ा पुरस्कार पांच लाख का अटल के नाम पर
उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य संस्कृति पुरस्कार शुरू करने की तैयारी में है. जिसमें प्रदेश के कलाकारों, समाजसेवियों और साहित्यकारों को पुरस्कार दिए जाएंगे. इनमें सबसे बड़ा पुरस्कार 5 लाख का होगा जो अटल जी के नाम पर दिया जाएगा. हालांकि इन पुरस्कारों की घोषणा इसी साल फरवरी महीने में की गई थी लेकिन यह मूर्त रूप नहीं ले सकी. लेकिन अब नए साल में साहित्यकारों और कलाकारों को पुरस्कार देने की तैयारी की जा रही है. वहीं, पुरस्कार से पहले ही इस पर सियासत शुरू हो गयी है.
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा
दरअसल उत्तर प्रदेश में पिछली अखिलेश सरकार में यश भारती पुरस्कार साहित्यकारों, कलाकारों, खिलाड़ियों को दिए जाते रहे हैं. जिनमें 11 लाख रुपए की पुरस्कार राशि होती थी और 50 हज़ार की मासिक पेंशन दी जाती थी, लेकिन जब बीजेपी सत्ता में आई तो इस यश भारती पुरस्कार को बंद कर दिया गया और अब इस राज्य संस्कृति पुरस्कार को लेकर समाजवादी पार्टी सरकार पर निशाना साध रही है. जबकि बीजेपी का साफ तौर पर कहना है कि योगी सरकार में पुरस्कार का पैमाना योग्यता है नाकि पिछली सरकार की तरह चापलूसी.
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