जस्टिस वीके श्रीवास्तव की कोविड से हुई मौत के मामले में जांच के लिए बनी कमेटी, 7 दिन में देनी होगी रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण से इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश वीके श्रीवास्तव की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. यूपी सरकार ने इस समिति का गठन किया है.

लखनऊ: लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण से इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश वीके श्रीवास्तव की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी. 23 अप्रैल को जस्टिस वीके श्रीवास्तव को लखनऊ के लोहिया अस्पताल ले जाया गया था. आरोप है कि लोहिया अस्पताल में ना अटेंडेंट मिला और ना अन्य कोई सुविधा. बाद में उन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिवंगत न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव के इलाज के मुद्दे पर ने कहा था कि, ‘‘दस्तावेजों से पता चलता है कि उन्हें जीवन रक्षक दवा रेमडेसिवर लेने की सलाह दी गई थी. हालांकि, कागजों से ये पता नहीं चलता कि वास्तव में उन्हें पहले दिन या बाद के दो दिनों में ये दवा दी गई कि नहीं.’’
Uttar Pradesh government constitutes a three-member committee to probe the circumstances leading to the death of Allahabad High Court judge Justice VK Shrivastava from COVID-19.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 14, 2021
The committee will submit its report in a week.
17 मई को होगी सुनवाई
अदालत ने ये भी कहा था कि, ‘‘दस्तावेजों से पता चलता है कि 24 अप्रैल को शाम 7 बजकर 20 मिनट तक उनके शरीर में कोई गड़बड़ी पैदा नहीं हुई थी और इसके बाद स्थिति खराब होनी शुरू हुई. प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि इस मामले में चूंकि रिकॉर्ड पूर्ण नहीं हैं, इस मामले की जांच के लिए सरकार एक समिति का गठन करे.’’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 मई निर्धारित की थी.
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