यूपी सरकार प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन का वितरण आगे भी जारी रखने की तैयारी में है. इसके लिए खाद्य विभाग ने शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया है. नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद पहली कैबिनेट बैठक में ही इस प्रस्ताव को लाया जा सकता है. इस योजना का फायदा प्रदेश की जनता को मिला और उसका असर चुनाव में सभी ने बीजेपी के पक्ष में देखा.


जानें कब शुरू हुआ था मुफ्त राशन योजना?


प्रदेश में कोरोना काल के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की गई थी जिसे नवंबर 2021 तक जारी रखना था. लेकिन कोरोना के कारण लोगों की आमदनी पर पड़े प्रभाव को देखते हुए योगी सरकार ने मार्च के अंत तक इस योजना के जारी रखने का एलान किया था.


यूपी चुनाव में हार के बाद शिवपाल यादव ने सपा के संगठन पर उठाए सवाल, MLC चुनाव पर कही ये बात


इसके हिसाब से योजना इसी माह समाप्त हुई है. लेकिन अब सरकार इसे फिर आगे विस्तार देने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो खाद्य विभाग ने शासन के निर्देश पर ही ये प्रस्ताव तैयार किया है. ऐसे में इसे हारी झंडी मिलना लगभग तय है. योजना के तहत मिलने वाले राशन में 1 किलो नामक, 1 किलो तेल, चना भी दिया जाता है. 


करीब 15 करोड़ लोगों को मिल रहा योजना का लाभ


खाद्य विभाग के अपर आयुक्त अनिल दुबे ने बताया कि इस योजना का व्यापक असर जनजीवन पर पड़ा. काफी पॉपुलर योजना रही है ये. प्रदेश में 41 लाख अंत्योदय और 3.20 करोड़ पात्र गृहस्थी कार्ड धारक हैं. इन कार्ड पर करीब 15 करोड़ लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है.


अगर शासन ने फैसला लिया तो आगे भी लाभ मिलता रहेगा. अपने प्रस्ताव में खाद्य विभाग ने इस योजना पर आने वाले खर्च का आकलन भी भेजा है.


इसे भी पढ़ें:


यूपी चुनाव में हार को भी अखिलेश यादव ने बताया समाजवादी पार्टी की जीत, जानें- क्या बड़ा दावा किया