Ayodhya 84 Kosi Parikrama Marg: भगवान रामलला की नगरी की विस्तृत परिक्रमा की परिकल्पना मुहूर्त रूप लेने लगी है. अयोध्या में तीन परिक्रमा सबसे महत्वपूर्ण हैं. पहले राम नगरी की 14 कोस की परिक्रमा होती है, दूसरी राम जन्मभूमि की परिक्रमा 5 कोस की जाती है और तीसरी चौरासी कोस की परिक्रमा जो अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा को छूते हुए की जाती है. चौरासी कोस की परिक्रमा मार्ग पर असुविधाओं का बोलबाला था. एक बार फिर भाजपा सरकार ने अयोध्या को तोहफे के रुप में चौरासी कोस की परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है. 


सुगमता पूर्वक चौरासी कोस की परिक्रमा की जा सकेगी
चौरासी कोस के परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने के बाद अयोध्या के संतों में उत्साह का माहौल है. संतों ने योगी सरकार और मोदी सरकार दोनों की प्रशंसा करते हुए साधुवाद दिया है. राम जन्मभूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि चौरासी कोस का मार्ग दुश्वारियां भरा था. आने-जाने वालों के लिए तमाम समस्याएं होती थी. ग्रामीण क्षेत्रों में पैदल चलना मुश्किल हो जाता था. खेतों के मेड़ पर भी परिक्रमा चलती थी. चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग को नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया है. अब चौरासी कोस की परिक्रमा करने वाले परिक्रमार्थियों को किसी भी तरीके की समस्याएं नहीं होंगी. अब सुगमता पूर्वक चौरासी कोस की परिक्रमा की जा सकेगी. सरकार का ये कार्य सराहनीय है और इसके लिए सरकार को जितना भी धन्यवाद दिया जाए वो कम है.


नहीं होगी परेशानी 
राम जन्मभूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि चौरासी कोस का जो मार्ग था वो अभी तक बहुत ही दयनीय दशा में रहा. आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशानी होती थी. कहीं रास्ता नहीं तो कहीं खेत खलिहान पड़ते थे. ये मार्ग ऐसा था कि खेत की मेड़ से होकर जाना पड़ता था. राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने को बाद चौरासी कोस की परिक्रमा करने वालों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. 


खुश हैं साधु-संत
तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि अयोध्या की जो सांस्कृतिक सीमा है वो 84 कोसी है. चौरासी कोस की परिक्रमा का वेदों से लेकर के पुराणों तक में जिक्र है. पूर्ववर्ती सरकारें राम भक्तों पर लाठियां बरसाती थी, प्रतिबंध लगाया जाता था. 84 कोसी परिक्रमा को लेकर बहुत ही अच्छा काम हुआ है. पूरे देश में साधु-संतों में धर्म आचार्यों में बहुत ही खुशी है. अयोध्या सनातन धर्म की आस्था का केंद्र माना जाता है. जब चौरासी कोस परिक्रमा करने के लिए राम भक्त यहां से निकलते थे तो तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता था. अयोध्या का गौरव बढ़ता जा रहा है. राम भक्तों में खुशी की लहर दिखाई पड़ रही है. 


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