प्रयागराज, मोहम्मद मोईन: डॉ कफील को रासुका में निरुद्ध किए जाने के मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. डॉ. कफील खान की मां नुजहत परवीन ने कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉरपस) की याचिका दायर की है. डॉ. कफील खान पर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इसी सिलसिले में कफील खान पर अलीगढ़ में मुकदमा दर्ज है. फिलहाल, कफील खान जेल में हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में यूपी सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया. चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस समित गोपाल की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई को दौरान अलीगढ़ के डीएम और मथुरा जेल के अधीक्षक का हलफनामा भी दाखिल हुआ. कोर्ट में डॉ कफील खान के वकीलों ने भी अपनी दलील पेश कीं. आज मामले में पूरी सुनवाई नहीं हो सकी, अब मामले की अंतिम अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत 26 अगस्त तक हाईकोर्ट को इस मामले में फैसला सुनाना है.
गौरतलब है कि डॉ कफील खान पर रासुका के तहत मामला दर्ज है. रासुका के चलते उनकी हिरासत अवधि तीन महीने और बढ़ा दी गई है. कफील खान को 13 फरवरी, 2020 को हिरासत में लिया गया था. 6 मई को उनकी हिरासत अवधि 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. जिसके बाद अब दो दिन पहले फिर से कफील खान की हिरासत अवधि को तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया गया. अब कफील खान 13 नवंबर तक जेल में रहेंगे.
डॉक्टर कफील खान अगस्त, 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के मामले के बाद चर्चा में आए थे. यहां कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के चलते बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो गई थी. तब कफील खान संबंधित वॉर्ड के नोडल ऑफिसर थे. हालांकि, बाद में इस मामले में उन्हें रिहा कर दिया गया था.
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