लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा एलान किया है। प्रदेश के निजी स्कूल इस शैक्षिक सत्र में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। जिन स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है, उन्हें अपना आदेश वापस लेना पड़ेगा। ये आदेश यूपी बोर्ड, आईसीएससी, सीबीएसई व अन्य बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी दी है। डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण पैदा हुये कठिन हालात के कारण राज्य सरकार ने अभिभावकों को राहत देने का निर्णय लिया है।


लॉकडाउन के कारण कुछ छात्र–छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार भी प्रभावित हुए हैं और ऐसे छात्रों के अभिभावकों को शुल्क जमा किए जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के तहत बेसिक शिक्षा परिषद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) के स्कूल 2020–21 के सत्र में फीस नहीं बढ़ाएंगे। स्कूलों को 2019–20 में नए प्रवेश व हर कक्षा के लिए निर्धारित शुल्क संरचना के अनुसार ही फीस लेनी होगी। यदि किसी स्कूल ने इस सत्र ( 2020–21) में फीस बढ़ाई है और बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया जा चुका है तो बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को अगले महीनों में समायोजित किया जाएगा।


उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जिन स्कूलों ने बढ़ी फीस ले ली है वह आगे के महीनों की फीस में उसे समायोजित करेंगे। बीते शैक्षिक सत्र 2019-20 में जो शुल्क निर्धारित किया गया था, निजी स्कूल इस वर्ष भी वही फीस लेंगे। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के निर्देश पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने सभी डीएम और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र जारी कर इसका कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए। ऐसे स्कूल जहां फीस बढ़ाए जाने की शिकायतें मिलेंगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।